अपराधों पर लगाम कसने मोदी सरकार एक ऐसा बिल लाई है, जिसके बाद अपराधी आसानी से पहचान लिए जाएंगे। यानी उन्हें पकड़ना आसान हो जाएगा। अकसर अपराधी अपराध के बाद पहचाने न जाने से पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ पाते हैं लेकिन अब इस समस्या के समाधान के लिए राज्यसभा ने आपराधिक प्रक्रिया विधेयक पारित कर दिया है… इससे पहले 4 अप्रैल को इसे लोकसभा में पारित कर दिया गया था।
बायोमेट्रिक डेटा से पकड़े जायेंगे अपराधी
अब अपराधी की गिरफ्तारी के बाद उसका बायोमेट्रिक डेटा लिया जाएगा आपको बता दे कि बायोमेट्रिक डेटा मतलब है कि इसके बाद अगर अपराधी कहीं भी फिर से अपराध करता है, तो पुलिस की गिरफ्त से बचकर नहीं निकल पाएगा.. बायोमेट्रिक डेटा के आधार पर उसे पकड़ लिया जाएगा…राज्य सभा में अमित शाह ने भारत कि अन्य देशों से कानून के मामलें में तुलना करते हुई कहा कि भारत में अपराध कि कानून अन्य देशों की तुलना में सख्ती के मामले में ‘बच्चा’ है… साथ ही यह कहा कि यह विधेयक अपराधों के पीड़ितों के मानवाधिकारों की रक्षा करने से जुड़ा है, सिर्फ अपराधियों का पहचान के लिए नहीं।