
सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय के बाल रोग विभाग और एस.एन.सी.यू. की चिकित्सकीय टीम ने एक नवजात शिशु को नई जिंदगी दी है। डॉक्टरों की मेहनत से शिशु अब स्वस्थ है और उसका वजन भी बढ़ चुका है। शिशु को 16 फरवरी को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। शिशु के परिजनों ने चिकित्सकों का आभार व्यक्त किया है।
बाल रोग विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. रितु रखोलिया ने जानकारी दी कि 3 नवम्बर को एक नवजात शिशु को गंभीर स्थिति में अस्पताल के एस.एन.सी.यू. में भर्ती कराया गया था। शिशु को सांस लेने में समस्या और वजन कम होने के कारण भर्ती किया गया था। उसका वजन मात्र 730 ग्राम था। उसे कई दिनों तक वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। इलाज के दौरान शिशु में खून की कमी, पीलिया और आंखों में समस्या भी आई, जिसके लिए उसे खून चढ़ाया गया और पीलिया का इलाज करने के लिए विशेष मशीन में रखा गया।
चिकित्सकीय टीम ने शिशु की देखभाल में कोई कसर नहीं छोड़ी और इस दौरान संक्रमण से बचाव का भी खास ध्यान रखा गया। एस.एन.सी.यू. की टीम के विशेष प्रयासों के परिणामस्वरूप शिशु का वजन बढ़ने लगा और उसकी स्थिति में सुधार हुआ।
शिशु का डिस्चार्ज, चिकित्सकों की मेहनत को सराहा
बाल रोग विभाग की प्रमुख प्रोफेसर डॉ. रितु रखोलिया के मार्गदर्शन में एस.एन.सी.यू. के इंचार्ज डॉ. गुरप्रीत और पूरी चिकित्सकीय तथा नर्सिंग टीम ने शिशु की देखभाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अब शिशु को स्वस्थ होकर डिस्चार्ज किया गया।
प्राचार्य ने दी टीम को बधाई
राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने शिशु के स्वस्थ होने पर बाल रोग विभाग की प्रमुख प्रोफेसर डॉ. रितु रखोलिया और एस.एन.सी.यू. की पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों की मेहनत ने बच्चे को नई जिंदगी दी। प्राचार्य ने यह भी बताया कि अस्पताल में मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है। बढ़ती संख्या को देखते हुए नए पी.आई.सी.यू. का संचालन शुरू किया गया है और भविष्य में एस.एन.सी.यू. का विस्तार करने की योजना है।