व्हाइट हाउस में ट्रंप से मुलाकात ने पाकिस्तान की कूटनीतिक हैसियत पर खड़े किए सवाल

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस स्थित ओवल ऑफिस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से मुलाकात की। हालांकि इस मुलाकात के अंदाज़ ने पाकिस्तान की कूटनीतिक साख और प्रतिष्ठा पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

तस्वीरें और वीडियो जारी नहीं

आमतौर पर व्हाइट हाउस विदेशी नेताओं के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति की बैठक की आधिकारिक तस्वीरें या वीडियो जारी करता है। हाल ही में तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन के साथ बैठक के बाद तो संयुक्त ब्रीफिंग भी की गई थी। लेकिन शहबाज शरीफ और असीम मुनीर के साथ हुई इस मुलाकात की न तो कोई तस्वीर और न ही वीडियो व्हाइट हाउस ने साझा किया। इससे बैठक की पारदर्शिता और महत्व को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

पाकिस्तान की सफाई

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के मुताबिक, इस बैठक में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो भी मौजूद थे। पाक पीएमओ ने दावा किया कि बातचीत खुशनुमा माहौल में हुई और एजेंडे पर गहन चर्चा की गई। हालांकि इस जानकारी का स्रोत सिर्फ पाकिस्तान के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म रहे। अमेरिकी प्रशासन की ओर से अब तक न तो कोई ब्रीफिंग हुई है और न ही प्रेस नोट जारी किया गया।

इंतजार कराते रहे ट्रंप

जानकारी के मुताबिक, बैठक के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप को अपने कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करने में करीब 30 मिनट लग गए। इस दौरान शहबाज शरीफ और जनरल मुनीर व्हाइट हाउस में इंतजार करते रहे। व्हाइट हाउस प्रेस पूल की तस्वीरों में दोनों नेताओं को इंतजार करते हुए देखा गया। विशेषज्ञों के अनुसार यह पाकिस्तान की राजनयिक छवि के लिए झटका है।

संदेश क्या है?

विश्लेषकों का मानना है कि बैठक की तस्वीरें जारी न करना और नेताओं को इंतजार कराना यह संकेत देता है कि अमेरिका पाकिस्तान को लेकर स्पष्ट दूरी बनाए रखना चाहता है। वहीं दूसरी ओर तुर्की जैसे अन्य सहयोगी देशों के साथ ट्रंप प्रशासन ने अधिक खुलापन दिखाया है।