लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अब सभी 19 हजार 143 मान्यता प्राप्त मदरसों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम से पढ़ाई होगी। उर्दू के अलावा छात्र हिंदी और अंग्रेजी माध्यम भी चुन सकेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुआई में हुई कैबिनेट की बैठक में यह प्रस्ताव मंगलवार को मंजूर किया गया।
560 मदरसों को राज्य सरकार देती है अनुदान
मदरसा बोर्ड के रजिस्टार आरपी सिंह का कहना है कि ये नियम राज्य के सभी मान्यता प्राप्त 19 हजार 143 मदरसों पर लागू होगा। इनमें करीब 10 लाख बच्चे पढ़ते हैं। राज्य सरकार मान्यता प्राप्त 560 मदरसों को अनुदान देती है। इनके अलावा 836 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे भी हैं। इन्हें सरकार से अनुदान नहीं दिया जाता। प्रदेश में 4536 मदरसों को मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त है।
कैबिनेट में कुल 11 प्रस्तावों को मंजूरी
राज्य सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि कैबिनेट में कुल 11 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। उन्होंने कहा कि अभी तक मदरसों में गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, कंप्यूटर और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों की पढ़ाई नहीं होती थी। लेकिन सरकार ने इन विषयों को भी पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्देश दिया है। शर्मा के मुताबिक, इसके जरिए सरकार का मकसद मदरसा छात्रों की शिक्षा का स्तर सुधरना और उन्हें मुख्यधारा में शामिल करना है।
एटा और मिर्जापुर में बनेगा मेडिकल कॉलेज
शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार की योजना के तहत राज्य में आठ मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाने हैं। राज्य सरकार ने इनमें से दो कॉलेज एटा और मिर्जापुर में बनाने का फैसला किया है। इसके लिए मंगलवार को जमीन उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई।
हरिद्वार में पर्यटन विभाग बनाएगा 100 कमरों का होटल
शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने हरिद्वार में 100 कमरों का एक होटल बनाने का फैसला किया है। कैबिनेट में इससे जुड़े प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। इसके अलावा अयोध्या में 220 किलोवॉट का एक ट्रांसमिशन विद्युत उपकेंद्र बनाने को भी मंजूरी दी गई है।