कोरोना वायरस से पूरी दुनिया में फ़ैल चुका है। नए शोध के आधार पर नई गाइड लाइन जारी किया गया है ,जिसमे तेजी से हंसने पर मनाही की गई हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ( एम्स ) ने मिलकर अपने नए शोध के आधार पर नई गाइडलाइंस जारी की हैं। नए शोध में दावा किया गया है कि संक्रमित व्यक्ति के जोर से हंसने से भी कोरोना वायरस के फैलने का खतरा करार दिया है।
नया शोध बताता है कि संक्रमित व्यक्ति द्वारा जोर से हंसने से भी कोरोना वायरस स्वस्थ लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली के डॉक्टरों के साथ मिलकर कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए गाइडलाइंस तैयार की हैं। शोधकर्ताओं ने बताया है कि संक्रमित शख्स के जोर से हंसने से भी कोरोना वायरस `के फैलने का खतरा पैदा हो सकता है। दरअसल, कोरोना संक्रमित शख्स के जोर से हंसने के दौरान वायरस ड्रॉपलेट के माध्यम से बाहर निकलता है, जिससे आसपास मौजूद लोग इसकी चपेट में आ जाएं तो उनके भी संक्रमित होने का खतरा हो सकता है।
एम्स के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. अंबुज रॉय ने कहा है कि कोरोना वायरस खांसने व छींकने के दौरान वायरस ड्रॉपलेट के माध्यम से बाहर निकलता है, इसलिए हाथ से चेहरा न छूएं। साथ ही यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के जोर से हंसने पर भी निकलता है।
भरत पांडेय