लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को 124 दिन बाद जमानत मिल गई है. मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी के गृहमंत्री अजय मिश्रा के बेटे को जमानत दे दी है।
इस घटना के सिलसिले में उन्हें 12 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था और बाद में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। यूपी एसआईटी द्वारा दायर चार्जशीट में आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया गया था, इसमें 12 और लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
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हालांकि,आशीष मिश्रा के जेल से बाहर आने में एक-दो दिन और लग सकते हैं. आशीष मिश्रा के वकील ने बताया कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने जमानत दे दी है, लेकिन अभी आदेश आना बाकी है. उन्होंने बताया कि आदेश आने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी. इसमें एक-दो दिन का समय लग सकता है.
राजीव सिंह की एकल पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 18 जनवरी को मिश्रा की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान आशीष मिश्रा के वकील जीडी चतुर्वेदी ने दलील दी कि उनका क्लाइंट न तो वह कार चला रहा था, जिसने किसानों को कुचला और न ही उसने ड्राइवर को ऐसा करने के लिए उकसाया।
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उन्होंने कहा कि ड्राइवर के अपराध के लिए आशीष मिश्रा को जिम्मेदार कैसे ठहराया जा सकता है? उन्होंने ये भी बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि लखीमपुर हिंसा में किसी भी किसान की मौत गोली लगने से नहीं हुआ.
बता दें, पिछले साल अक्टूबर माह में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में कथित तौर आशीष मिश्रा की गाड़ी से कुचल जाने के कारण 4 किसान समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी। 17 नवंबर, 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर हिंसा की जांच की निगरानी के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश राकेश कुमार जैन को नियुक्त किया।