क्या आपने भी कभी महसूस किया है कि अचानक आपको सीने में दर्द शुरू हो गया। इतना बुरा दर्द की आपसे बर्दाश्त नहीं हो रहा। हाथों में पसीने और शरीर में कपकपाहट होने लगी। जी हां ये किसी के साथ भी हो सकता है और कभी-कभी ये हार्ट अटैक का लक्षण भी होता है, डाक्टरों के एक शोध से पता चलता है कि 50 प्रतिशत लोग ऐसे होते हैं जिन्हें अपने पहले अटैक में इस बात का पता भी नहीं चल पाता की ये एक हार्ट अटैक था। आजकल के समय में कई ऐसे कारण होते हैं जिनकी वजह से युवाओं और वयस्कों में हदय से जुड़े रोगों की संख्या बढ़ने लगी है।
बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले
आंकड़े बताते हैं कि कम उम्र में हार्ट-अटैक वाले मामले दिनों-दिन भारत में बढ़ते जा रहे हैं।24 मई को पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद बंडारू दत्तात्रेय के बेटे बंडारू वैष्णव की हार्ट अटैक से मौत हो गई। वो सिर्फ 21 साल के थे। वैष्णव हैदराबाद से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे थे। खबरों की मानें तो देर रात को खाना खाने के बाद वैष्णव को अचानक से सीने में दर्द की शिकायत हुई। परिवार वाले उसे लेकर गुरु नानक अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डाक्टरों ने शोध के आधार पर बताया कि पूरी दुनिया में भारत में ये आंकड़े सबसे तेजी से बढ़ रहे हैं। healthdata.org के मुताबिक प्रीमैच्योर डेथ यानी अकाल मृत्यु के कारणों में 2005 में दिल की बीमारी का स्थान तीसरा था।लेकिन 2016 में दिल की बीमारी, अकाल मृत्यु का पहला कारण बन गया है। 10 -15 साल पहले तक दिल की बीमारी को अक्सर बुजुर्गों से जोड़ कर देखा जाता। हार्ट अटैक के पीछे नए जमाने की जीवन शैली भी है।
युवाओं में में कमजोर दिल होने के हो सकते हैं ये कारण-
– जीवन में तनाव
– खाने की गलत आदत
– कम्प्यूटर/ इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर देर तक काम करना
– स्मोकिंग, तंबाकू, शराब की लत
-तेजी से बढ़ता प्रदूषण
– अनहेल्दी लाइफस्टाइल