72 वर्ष के कश्मीरी पंडित रोनक लाल मावा ने अपने घर श्रीनगर के जईना कडल में फिर से अपनी सॉप खोली
मावा के वापसी पर इलाकों के लोगों ने उनका परंपरागत तरीके से स्वागत किया ।
दरअसल 13 अक्टूबर 1990 को मावा के पेट में किसी अनजान व्यक्ति ने चार गोलियां मारी थी । लेकिन वे बच गऐ, उसने पास उस समय अपनी ग्रहस्थी को छोड़कर दिल्ली जाने के अलावा और कोई चारा नहीं था ।
मावा ने अपनी खुशी ज़ाहिर करते हुए कहा कि ” मुझे एक नायक की तरह स्वागत मिला, 90 के दशक में मेरे पिता की इस क्षेत्र मे एक दुकान थी , जब मैं दुकान पर था तो मुझे गोली मार दी गई थी लेकिन मैं बच गया। फिर मैं दिल्ली में बस गया लेकिन कश्मीर जैसी कोई जगह नहीं है। “