
उत्तराखंड के प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थल कैंचीधाम में 15 जून को होने वाले स्थापना दिवस मेले को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस ने कमान संभाल ली है। लाखों की संख्या में उमड़ने वाली श्रद्धालु भीड़ को ध्यान में रखते हुए इस बार सुरक्षा, ट्रैफिक नियंत्रण और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
बाहरी दोपहिया वाहनों पर रोक, शटल सेवा से होगी आवाजाही
श्रद्धालुओं की भीड़ और ट्रैफिक दबाव को देखते हुए 14 और 15 जून को बाहरी दोपहिया वाहनों को पर्वतीय मार्गों पर जाने से रोक दिया गया है। इन वाहनों को काठगोदाम और कालाढूंगी में ही रोक दिया जाएगा, जहां से आगे की यात्रा के लिए रंग-कोडित शटल सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
रंग-कोडित शटल सेवा – हर रूट की अपनी पहचान
प्रशासन ने इस बार श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शटल सेवा को रंगों के आधार पर विभाजित किया है:
गुलाबी शटल – हल्द्वानी-काठगोदाम से
हरी शटल – भीमताल विकास भवन से
पीली शटल – भवाली से
नीली शटल – नैनीताल से
शटल और पार्किंग की व्यवस्था
मेले के दौरान श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए 15 अस्थायी पार्किंग स्थल चिन्हित किए गए हैं। प्रमुख पार्किंग स्थानों में भवाली चौराहा, नैनीबैंड रोड, सेनिटोरियम-भवाली, खैरना मंडी, और भवाली जल संस्थान कैंपस शामिल हैं। यहाँ श्रद्धालु अपने वाहन पार्क कर शटल के जरिए कैंचीधाम जा सकेंगे।
वाहनों की संख्या और शटल किराया
प्रशासन द्वारा इस बार शटल सेवा में 500 से अधिक वाहन लगाए जा रहे हैं:
हल्द्वानी-काठगोदाम: 100 बसें, 25 मैक्स
भीमताल: 40 बसें, 50 मैक्स
भवाली: 20 बसें, 80 मैक्स
नैनीताल: 10 बसें, 20 मैक्स
किराया निर्धारण:
हल्द्वानी से कैंचीधाम: ₹150 (बस), ₹200 (मैक्स)
भीमताल से: ₹100
भवाली से: ₹50
सुविधाएं और निगरानी, मेले में हर स्तर पर तैयारी
श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए जलसंस्थान द्वारा पेयजल टैंकर, मोबाइल शौचालय और पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था की गई है। साथ ही, सफाई व्यवस्था के लिए सभी प्रमुख स्थानों पर सफाईकर्मी तैनात रहेंगे। प्रशासन ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे सौहार्दपूर्ण व्यवहार करें और निर्धारित किराए से अधिक शुल्क न लिया जाए।
प्रशासन की अपील
एडीएम विवेक राय और आरटीओ गुरुदेव सिंह ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और सहयोग बनाए रखें, ताकि कैंचीधाम मेला शांतिपूर्ण, सुरक्षित और सुव्यवस्थित रूप में संपन्न हो सके।