सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने भारतीय सेना के द्वारा नई दिल्ली में आयोजित वार्षिक विदेश सेवा अताशे ब्रीफिंग में भाग लिया। जहां उन्होंने भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को बढ़ाने की बात पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत को अपनी अंतरिक्ष क्षमताओं का पूरा फायदा उठाने के लिए नए-नए विचरों और प्रक्रियाएं विकसित करने पर ध्यान देना होगा।
बता दें कि सोमवार को भारतीय सेना ने नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में वार्षिक विदेश सेवा अताशे ब्रीफिंग आयोजित की। जिसमें कुल 64 देशों के रक्षा अताशे शामिल हुए, जिन्होंने वैश्विक सुरक्षा के समकालीन मुद्दों और भारत के दृष्टिकोण पर चर्चा हुई। जानकारी के अनुसार जनरल अनिल चौहान ने भारतीय सशस्त्र बलों के लिए एक नया अंतरिक्ष अभ्यास शुरू किया। इस अभ्यास के जरिए तीनों सेनाएं मिलकर अपने अंतरिक्ष संसाधनों की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करेंगी, जिससे भविष्य की रक्षा में अत्याधुनिक तकनीकों का समावेश होगा।
इसके साथ ही सीडीएस जनरल ने अंतरिक्ष युद्ध में भारत की क्षमताओं को बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि अंतरिक्ष की संपत्तियों पर नियंत्रण से राष्ट्रीय सुरक्षा को सीधा लाभ होता है। उन्होंने अंतरिक्ष प्रणालियों को सुरक्षित रखने और कमजोरियों से बचाव करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने डीआरडीओ, इसरो और शिक्षाविदों के बीच मिलकर काम करने की जरूरत को बताया। इसके साथ ही विभिन्न तकनीकों जैसे LEO सैटेलाइट मेश, क्यूटी संचार, पुनः उपयोग होने वाले रॉकेट, नैनोसैटेलाइट और ऑन-डिमांड लॉन्च क्षमता का सुझाव दिया।