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राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर जंग, विपक्ष का शक्ति प्रदर्शन, मोदी ने बुलाई बैठक

: केन्द्र सरकार आज राज्यसभा में तीन तलाक बिल पेश करेगी। ऐसे में इसे कानून बनाने के लिए राज्य सरकार को राज्यसभा से इसे पास करवाना एक चुनौती होगी। कांग्रेस का कहना है कि वह मौजूदा स्वरूप में इस विधेयक को पास नहीं होने देगी। राज्यसभा में विपक्ष के पास बहुमत है यही कारण है कि मोदी सरकार के लिए यहां बड़ी मुश्किल है।

कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों की मांग है कि बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए, इस मुद्दे पर उन्होंने राज्यसभा के चेयरमैन को चिट्ठी भी लिखी है। राज्यसभा में बिल दोपहर दो बजे पेश हो सकता है।

राज्यसभा में बहुमत में विपक्ष अब एकजुट होता दिख रहा है, बिल के पेश होने से पहले ही करीब 12 राजनीतिक दलों ने सभापति वेंकैया नायडू को चिट्ठी लिख इसे सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग की है। इन 12 पार्टियों में कांग्रेस, एनसीपी, टीडीपी, TMC, सीपीआई, सीपीएम और आम आदमी पार्टी जैसे दल शामिल हैं।

पिछले साल भी सरकार लोकसभा में तो इस बिल को पारित कराने में कामयाब हो गई थी, लेकिन राज्यसभा में संख्या बल की कमी के कारण इसे प्रवर समिति को भेजना पड़ा था। इस बीच सरकार ने प्रवर समिति की कई सिफारिशों को तो स्वीकार किया, मगर इसे दिवानी मामला बनाने और सजा का प्रावधान हटाने की समिति की सिफारिश को नामंजूर करते हुए अध्यादेश जारी कर दिया गया था।

केन्द्र सरकार के लिए बड़ा झटका ये भी है कि इन 12 दलों में तमिलनाडु की AIADMK भी शामिल है। जो अभी तक मोदी सरकार के समर्थन में मानी जा रही थी। नियमों के मुताबिक, तीन तलाक बिल पर राज्यसभा में चर्चा से पहले चेयरमैन इस प्रस्ताव की जानकारी सदन को देंगे।

पीएम मोदी ने बुलाई बैठक

रिपोर्ट के अनुसार, तीन तलाक विधेयक को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संसद भवन में भाजपा नेताओं की एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी सहित कई बड़े नेता मौजूद हैं।

राज्यसभा में आसान नहीं राह

गौरतलब है कि संसद के उच्च सदन राज्यसभा में संख्या की बात की जाए तो इस समय कुल सदस्यों की संख्या 244 है, जिसमें 4 सदस्य नामित हैं। वैसे, तो राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ताकत बढ़ी है, लेकिन वो इतनी नहीं हुई कि बिना विपक्ष के सहयोग से कोई बिल पास कराया जा सके।

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के पास 90 सदस्य हैं, जिसमें बीजेपी के 73, 7 निर्दलीय, शिवसेना के 3, अकाली दल के तीन, बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट के 1, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के 1, नागा पीपल्स फ्रंट के 1, आरपीआई के 1 सांसद शामिल हैं।

जबकि विपक्ष का पलड़ा संख्याबल के मामले में सरकार पर भारी है। मौजूदा परिस्थिति में विपक्ष के पास 145 सांसद हैं, जिसमें कांग्रेस के 50, TMC के 13, समाजवादी पार्टी के 13, AIADMK  के 13, BJD के 9, TDP के 6, RJD के 5, CPM के 5, DMK  के 4, BSP के 4, NCP  के 4, आम आदमी पार्टी के 3, CPI के 2, JDS  के 1, केरल कांग्रेस (मनी) के 1, आईएनएलडी के 1, आईयूएमएल के 1, 1 निर्दलीय और 1 नामित सदस्य शामिल हैं।

 

 

 

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