जयशंकर की चीन यात्रा, एससीओ में समर्थन और द्विपक्षीय संबंधों पर दिया जोर

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भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने सोमवार को चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की दिशा में सकारात्मक चर्चा की। इस मौके पर उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में चीन की अध्यक्षता को भारत का समर्थन दोहराया।

जयशंकर ने इस मुलाकात के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “एससीओ में चीन की अध्यक्षता का समर्थन किया और द्विपक्षीय रिश्तों के बेहतर होने पर ध्यान केंद्रित किया। मुझे उम्मीद है कि मेरी इस यात्रा में हुई चर्चाएं सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ेंगी।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच पिछले साल कजान में हुई मुलाकात के बाद से भारत-चीन संबंधों में सुधार की प्रक्रिया जारी है।

चीन यात्रा के प्रमुख बिंदु

जयशंकर सिंगापुर दौरे के बाद बीजिंग पहुंचे।

यह पिछले 5 वर्षों में उनकी पहली चीन यात्रा है।

सोमवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी से द्विपक्षीय बैठक की संभावना।

जयशंकर और वांग यी की पिछली मुलाकात फरवरी में जोहान्सबर्ग में G20 बैठक के दौरान हुई थी।

एससीओ बैठक में भारत की भागीदारी

विदेश मंत्री मंगलवार को चीन के तियानजिन शहर में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की परिषद (CFM) की बैठक में हिस्सा लेंगे। विदेश मंत्रालय ने इस यात्रा की पुष्टि करते हुए इसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बताया है।

गलवां संघर्ष के बाद उच्च स्तरीय दौरा

गौरतलब है कि 2020 में गलवां घाटी में हुई सैन्य झड़प के बाद भारत और चीन के संबंधों में भारी तनाव आ गया था। जयशंकर की यह यात्रा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की हालिया चीन यात्राओं के बाद, दोनों देशों के बीच राजनयिक संवाद को मजबूती देने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

विशेषज्ञों के अनुसार, जयशंकर की इस यात्रा से दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली और भविष्य के सहयोग के नए द्वार खुल सकते हैं।