आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक मंच पर भारत का मुखर संदेश, शशि थरूर के नेतृत्व में बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका रवाना

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पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे आतंकवाद के विरुद्ध भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी कूटनीतिक मुहिम और तेज कर दी है। इसी क्रम में कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में एक बहुदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को पांच देशों की यात्रा पर रवाना हुआ। यात्रा का उद्देश्य है—विश्व समुदाय को आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीतियों, अनुभवों और दृष्टिकोण से अवगत कराना।

प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के तेजस्वी सूर्या, भुवनेश्वर कलिता और शशांक मणि त्रिपाठी, शिवसेना के मिलिंद देवड़ा, एलजेपी (रामविलास) की शांभवी चौधरी, टीडीपी के जीएम हरीश बालयोगी, जेएमएम के सरफराज अहमद और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरणजीत सिंह संधू शामिल हैं।

गुयाना से शुरुआत, अमेरिका तक वैश्विक संवाद

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने रवाना होने से पहले कहा, “हमारा पहला पड़ाव गुयाना का जॉर्जटाउन है, और यात्रा से पहले न्यूयॉर्क में 9/11 स्मारक पर जाकर हम दुनिया को याद दिलाएंगे कि आतंकवाद पीड़ितों की पीड़ा हम समझते हैं। भारत आतंकवाद को लेकर चुप नहीं रहेगा।”

उन्होंने कहा कि यह यात्रा केवल कूटनीतिक नहीं, बल्कि एक प्रतीकात्मक और भावनात्मक संवाद है, जिसका उद्देश्य विश्व को यह समझाना है कि आतंकवाद से जूझते हुए भारत ने क्या सहा और अब किस नीति के तहत वह निर्णायक कार्रवाई कर रहा है।

भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या का तीखा संदेश

प्रतिनिधिमंडल में शामिल भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हम सभी को यह ज़िम्मेदारी दी है कि हम दुनिया को बताएं कि भारत की आतंकवाद पर ‘शून्य सहिष्णुता’ की नीति क्या है। हमें वैश्विक समुदाय को पाकिस्तान द्वारा तैयार किए गए आतंकी ढांचे के बारे में आगाह करना होगा, जो केवल भारत ही नहीं, वैश्विक सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा है।”

भारत का रुख स्पष्ट और दृढ़

इस बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का गठन यह भी दर्शाता है कि आतंकवाद जैसे मुद्दों पर भारत की राष्ट्रीय नीति दलगत राजनीति से ऊपर उठकर तय की जाती है। भारत का यह प्रयास है कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को एक वैश्विक चुनौती के रूप में स्थापित किया जाए और इसे केवल भारत-पाक द्विपक्षीय मुद्दा मानने की सोच को बदला जाए।

भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अब आतंकवाद के मुद्दे पर केवल सीमित सैन्य जवाब या राजनयिक विरोध तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वह विश्व मंच पर निर्णायक संवाद के माध्यम से पाकिस्तान को बेनकाब करेगा। यह यात्रा उस रणनीतिक कड़ी का हिस्सा है, जो भारत की सुरक्षा नीति को वैश्विक समर्थन दिलाने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है।