
भारत के युवा ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट 2025 में एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन को उनके ही देश में क्लासिकल शतरंज में हरा दिया। यह जीत न सिर्फ गुकेश के करियर की बड़ी उपलब्धियों में से एक रही, बल्कि यह क्लासिकल फॉर्मेट में कार्लसन के खिलाफ उनकी पहली जीत भी रही।
जीत से खुश गुकेश, हार से नाराज़ कार्लसन
मैच के अंत में जब गुकेश ने जीत दर्ज की, तो वह शांत और संयमित नजर आए, वहीं कार्लसन अपना आपा खो बैठे। उन्होंने गुस्से में अपना हाथ जोर से चेस बोर्ड वाली मेज पर पटका, जिससे बोर्ड हिल गया। कुछ ही देर बाद कार्लसन ने खुद को संभालने की कोशिश की, लेकिन उनकी झुंझलाहट साफ दिखी। उन्होंने पहले गुकेश से माफ़ी मांगी, फिर चेस बोर्ड पर मोहरें सजाने की कोशिश की, लेकिन फिर से उन्हें पटक दिया।
गुकेश ने दिखाया साहस और धैर्य
इस मुकाबले में सफेद मोहरों से खेल रहे कार्लसन ने शुरुआत से ही आक्रामक रुख अपनाया और लगातार दबाव बनाते रहे। लेकिन गुकेश ने धैर्य के साथ खेला, हर मोहरे की गहरी रणनीति के साथ चाल चली। जैसे-जैसे कार्लसन पर टाइम प्रेशर बढ़ता गया, उनसे चूकें होने लगीं, और गुकेश ने मौके का पूरा फायदा उठाया।
गुकेश ने कहा, मैं कुछ बड़ा नहीं कर सकता था, बस मौके का फायदा उठाना था। मैंने कोशिश की कि ऐसी चालें चलूं जो कार्लसन के लिए मुश्किल हों — और सौभाग्य से वे सही साबित हुईं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने इस टूर्नामेंट से सीखा है कि समय का दबाव अक्सर गलतियों का कारण बनता है।
भीड़ ने की तालियों से गुकेश का स्वागत
मैच समाप्त होने के बाद जैसे ही गुकेश विजेता बने, हॉल में बैठे दर्शकों ने जोरदार तालियों से उनका स्वागत किया। कार्लसन ने हॉल से बाहर जाते वक्त गुकेश की पीठ थपथपाकर उन्हें सम्मान दिया, हालांकि उनका चेहरा हार की निराशा से भरा हुआ था।
टूर्नामेंट का प्रारूप
नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट को शतरंज के सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंटों में गिना जाता है। 2025 संस्करण 26 मई से 6 जून तक स्टावेंगर में आयोजित हो रहा है, जहां छह खिलाड़ी डबल राउंड-रॉबिन फॉर्मेट में एक-दूसरे से मुकाबला कर रहे हैं। टूर्नामेंट में पुरुष और महिला दोनों श्रेणियों में मैच खेले जा रहे हैं।