नीदरलैंड में भारत की राजदूत रीनत संधू की ओर से एम्स्टर्डम में आयोजित भारतीय समुदाय और भारत के मित्रों के स्वागत समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भाग लिया। उन्होंने सभा को संबोधित किया। और कहा कि भारतीय समुदाय भारत-नीदरलैंड के बीच बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों का सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ है और न केवल भारत व नीदरलैंड बल्कि भारत और यूरोप के बीच एक सेतु का काम करता है। उन्होंने कहा कि आज यूरोप के मुख्य भूभाग नीदरलैंड में भारतीय समुदाय सबसे बड़ा भारतीय मूल का प्रवासी है, जिसमें हिन्दुस्तानी-सूरीनामी समुदाय के दो लाख (200,000) से अधिक सदस्य हैं और 60,000 से अधिक भारतीय पेशेवर व छात्र रहते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि नीदरलैंड में भारतीय पेशेवरों ने बहुत अच्छा काम किया है। उद्यमियों, डॉक्टरों, बैंकरों और तकनीकी विशेषज्ञों के रूप में वे बड़े पैमाने पर डच समाज और अर्थव्यवस्था के साथ-साथ वैश्विक समुदाय के लिए अत्यधिक मूल्यवान साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी उपलब्धियों और सफलता पर भारत को गर्व है।
राष्ट्रपति ने कहा कि कोई एक भारतीय को भारत से बाहर ले जा सकता है, लेकिन किसी भारतीय से भारत को नहीं ले जाया जा सकता है। पिछले सैकड़ों वर्षों में कई भारतीयों ने विदेश यात्राएं की हैं जबकि भारत हमेशा उनके दिलों में धड़कता रहा है। वे दुनिया के जिस भी हिस्से में बसे उन्होंने भारतीय सभ्यता के मूल्यों को गर्व के साथ जीवित रखा। भारतीय मूल के लोग जहां भी बसे उन्होंने उस जगह को अपने घर के रूप में मान लिया और पूरी तरह से उससे जुड़ गए।
राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले साल महामारी के दौरान प्रवासी भारतीयों ने सामग्री और मौद्रिक दान के माध्यम से अपना सहयोग दिया। उन्होंने इस विचारशील भावना की सराहना की और कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में सभी सामग्री और मौद्रिक दान का सदुपयोग किया गया। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में हमें याद आता है कि विदेशों में रहने वाले भारतीय प्रवासी हमारा विस्तारित परिवार है जो हमें अतिरिक्त शक्ति प्रदान करता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत प्रवासी भारतीयों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले कुछ वर्षों में भारतीय प्रवासियों के साथ हमारा जुड़ाव और उन तक पहुंच कई गुना बढ़ी है। हमने 4सी के तहत कई पहल की हैं, जिनमें केयर (देखभाल), कनेक्ट (जुड़ना), सेलिब्रेट (उत्सव मनाना) और कंट्रीब्यूट (योगदान) शामिल हैं। भारत के प्रवासी नागरिक कार्ड कई क्षेत्रों में मान (प्रतिष्ठा) और विशेषाधिकार देने के लिए जारी किए गए हैं। लंबी अवधि के वीजा और ई-वीजा के जरिए भारत की यात्रा को सुगम बनाया गया है। प्रवासी युवाओं की भागीदारी बढ़ाने और उन्हें भारतीय युवाओं व उनकी भारतीय जड़ों से परिचित कराने के लिए हमने उच्च शिक्षा के लिए भारतीय विश्वविद्यालयों में शामिल होने को लेकर भारतीय मूल के प्रवासी बच्चों के लिए भारत को जानें कार्यक्रम और छात्रवृत्ति कार्यक्रम शुरू किया है। उन्होंने भारतीय समुदाय के सदस्यों से इन अवसरों का लाभ उठाने और उनमें सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत आज व्यापार, सामाजिक उद्यमों और सांस्कृतिक संबंधों के लिए अवसरों से परिपूर्ण है। उन्होंने भारतीय समुदाय के सदस्यों को भारत की परिवर्तनकारी यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि वे अपने विचारों, अपने व्यापार मॉडल और अपने निवेश रूपरेखा (प्रोफाइल) के साथ योगदान कर सकते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले साढ़े सात दशकों में भारत और नीदरलैंड के बीच द्विपक्षीय व्यापार व निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। अब भारत में नीदरलैंड तीसरा सबसे बड़ा निवेशक है। इसी तरह भारत भी नीदरलैंड में शीर्ष निवेशकों के रूप में उभर रहा है। नीदरलैंड जल प्रबंधन और वैज्ञानिक जानकारी में अग्रणी है। इस क्षेत्र में दोनों पक्ष कई संयुक्त परियोजनाओं को लागू करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। कृषि, स्वास्थ्य, बंदरगाह और जहाजरानी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, उच्च शिक्षा और शहरी विकास को सहयोग के अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के रूप में चिन्हित किया गया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हम अपने राष्ट्रीय प्रमुख कार्यक्रमों जैसे मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, क्लीन इंडिया और डिजिटल इंडिया में प्रमुख भागीदार के रूप में नीदरलैंड पर भरोसा करते हैं। हम भारत में विकास और विकास के लिए डच तकनीकी, जानकारी और निवेश का लाभ उठाने के इच्छुक हैं और भारतीय समुदाय इस उद्देश्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
राष्ट्रपति आज (7 अप्रैल, 2022) तुर्कमेनिस्तान और नीदरलैंड की दो देशों की राजकीय यात्रा पूरी करने के बाद नई दिल्ली के लिए विमान से रवाना होंगे।