भारत ने वैश्विक नवाचार सूचकांक (जीआईआई) 2024 में 133 अर्थव्यवस्थाओं में 39वां स्थान हासिल किया है। जेनेवा स्थित विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) की रिपोर्ट के मुताबिक, इस सूचकांक में भारत पिछले साल 40वें स्थान पर था। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर इस उपलब्धि की जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा, नवाचार के मामले में भारत 133 विश्व अर्थव्यवस्थाओं में 39वें स्थान पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि नव प्रवर्तकों (नई खोज करने वाले) और उद्यमियों के कारण भारत में नवाचार के माहौल को मजबूती मिल रही है। उन्होंने कहा कि जीआईआई रैंकिंग में लगातार सुधार हमारी ज्ञान संपदा, जीवंत स्टार्ट-अप पारिस्थिकी तंत्र और सार्वजनिक व निजी अनुसंधान संगठनों के बेहतरीन काम के कारण हुआ है। जीआईआई एक ऐसा भरोसेमंद साधन है जिससे दुनिया भर की सरकारें यह देख सकती हैं कि उनके देशों में नए आविष्कार और तकनीक कैसे सामाजिक व आर्थिक बदलाव ला रहे हैं। इसका उपयोग नीति निर्माता और व्यापारिक हस्तियां करते हैं। डब्ल्यूआईपीओ के मुताबिक स्विट्जरलैंड, स्वीडन, अमेरिका, सिंगापुर और ब्रिटेन दुनिय की सबसे अधिक नवाचार वाली अर्थव्यवस्थाएं हैं। वही चीन, तुर्किये, भारत, वियतना और फिलीपींस इस क्षेत्र में पिछले दस वर्षों में तेजी से प्रगति करने वाले देश हैं। चीन 11वें स्थान पर है और शीर्ष 30 में स्थान पाने वाली एकमात्र मध्यम-आय वाली अर्थव्यवस्था है।
इसके बाद दक्षिण और मध्य एशिया में भारत 39वें स्थान पर है। जबकि ईरान का 64वां और कजाखस्तान का 78वां स्थान है। भारत निम्न मध्यम आय वर्ग में सबसे आगे है और बीते 14 वर्षों से नवाजार में लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। भारत की ताकत कुछ खास क्षेत्रों जैसे आईटी सेवाओं का विदेश में निर्यात, नए कारोबार के लिए निवेश आदि में है। आईटी सेवाओं के निर्यात के मामले में भारत दुनिया में पहले नंबर पर है।
बंगलूरू में सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स और भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी)-बंगलूरू को दुनिया के शीर्ष 100 विज्ञान एवं तकनीकी केंद्रों की सूची में शामिल किया गया है। इसी तरह दिल्ली, चेन्नई और मुंबई भी इस सूची में जगह बनाए हुए हैं।