
भारत और ओमान के बीच रक्षा सहयोग को और प्रगाढ़ बनाने के उद्देश्य से दोनों देशों के सेना प्रमुखों की तीसरी द्विपक्षीय बैठक बुधवार को नई दिल्ली में आयोजित हुई। बैठक में रक्षा साझेदारी, संयुक्त सैन्य अभ्यास, प्रशिक्षण सहयोग और रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाने पर विस्तृत चर्चा की गई।
इस बैठक में भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और ओमान सुल्तान की सशस्त्र सेनाओं के प्रमुख वाइस एडमिरल अब्दुल्ला बिन खमीस अल-रैसी ने मुलाकात कर द्विपक्षीय रक्षा संबंधों की समीक्षा की और भविष्य की प्राथमिकताओं पर विचार-विमर्श किया। इस दौरान दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
बैठक में यह सहमति बनी कि भारत और ओमान के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यासों, रक्षा तकनीक के आदान-प्रदान, सैन्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों और सुरक्षा सहयोग को और सशक्त किया जाएगा। साथ ही, दोनों देशों ने हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद-रोधी अभियानों में सहयोग बढ़ाने के संकल्प को भी दोहराया।
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि भारत और ओमान के बीच रक्षा संबंध विश्वास और आपसी सम्मान पर आधारित हैं। उन्होंने ओमान को भारत का विश्वसनीय रक्षा साझेदार बताते हुए कहा कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच बढ़ता सहयोग क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
वहीं, ओमान के सेना प्रमुख वाइस एडमिरल अल-रैसी ने भारत की सैन्य प्रशिक्षण प्रणाली और तकनीकी क्षमताओं की सराहना करते हुए कहा कि ओमान, भारत के साथ दीर्घकालिक रक्षा सहयोग को और गहराई देने का इच्छुक है।
गौरतलब है कि भारत और ओमान के बीच लंबे समय से मजबूत रक्षा संबंध रहे हैं। दोनों देश नियमित रूप से ‘अल नजाह’ नामक संयुक्त सैन्य अभ्यास करते हैं, साथ ही नौसेनाओं के बीच भी अभ्यास आयोजित होते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि नई दिल्ली में हुई यह बैठक भारत-ओमान रक्षा साझेदारी के नए युग की शुरुआत साबित हो सकती है।













