भारत-इंडोनेशिया रक्षा सहयोग को नई दिशा, सीडीएस जनरल अनुप चौहान की जकार्ता यात्रा में ब्रह्मोस सौदे पर चर्चा तेज

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भारत के मुख्य रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनुप चौहान इन दिनों इंडोनेशिया के आधिकारिक दौरे पर हैं। यह यात्रा दोनों देशों के बीच सामरिक और रक्षा सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, इस दौरे में लगभग 45 करोड़ डॉलर मूल्य के ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल सिस्टम सौदे पर बातचीत को आगे बढ़ाने पर विशेष जोर रहेगा। इसके साथ ही हवाई और नौसैनिक सुरक्षा, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों और साझा सामरिक हितों पर भी विस्तृत चर्चा की जाएगी।

ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम भारत और रूस के संयुक्त सहयोग से विकसित एक अत्याधुनिक हथियार प्रणाली है, जो समुद्र, जमीन और आकाश—तीनों से लॉन्च की जा सकती है। इंडोनेशिया की नौसेना अपने समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए इस प्रणाली को खरीदने में रुचि दिखा चुकी है।

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह सौदा आगे बढ़ता है, तो यह दक्षिण-पूर्व एशिया में भारत की रक्षा निर्यात क्षमता का बड़ा प्रदर्शन होगा और दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग के नए आयाम जुड़ेंगे।

इस यात्रा के दौरान जनरल चौहान इंडोनेशिया के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और कुछ सामरिक ठिकानों का निरीक्षण भी करेंगे। इसके अलावा, दोनों देशों के रक्षा उद्योगों के बीच उत्पादन और तकनीकी सहयोग पर भी बातचीत होगी।

विश्लेषकों के अनुसार, यह दौरा केवल ब्रह्मोस सौदे तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि भारत-इंडोनेशिया के बीच व्यापक सुरक्षा साझेदारी को नई गति देने का काम करेगा। भारत ने हाल के वर्षों में अपने रक्षा निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि की है, और इंडोनेशिया के साथ यह साझेदारी उस दिशा में एक अहम रणनीतिक उपलब्धि साबित हो सकती है।