प्रथम आसियान-भारत समुद्री अभ्यास (एआईएमई-2023) को पूरा कर लिया गया है। रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि समुद्री अभ्यास दक्षिण चीन सागर में किया गया। इस बहुपक्षीय नौसैनिक अभ्यास के समुद्री चरण में नौ पोतों के लगभग 1400 कर्मियों ने हिस्सा लिया। भारत में परिकल्पित और निर्मित स्वदेशी पोत- विध्वंसक आईएनएस दिल्ली व स्टेल्थ फ्रिगेट आईएनएस सतपुड़ा, समुद्री गश्ती विमान पी8आई और एकीकृत हेलीकॉप्टरों ने ब्रुनेई, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम के आसियान नौसैनिक पोतों के साथ अभ्यास किया।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस दो दिवसीय समुद्री चरण में युद्धाभ्यास, हेलीकॉप्टरों द्वारा क्रॉस डेक लैंडिंग, नौ-कौशल का विकास और अन्य समुद्री परिचालन सहित समुद्री विकास के एक व्यापक स्पेक्ट्रम को प्रदर्शित किया गया। समुद्री क्षेत्र में कौशल को तराशने के अलावा इस अभ्यास ने अंतर-परिचालनीयता को संवर्धित किया और क्षेत्र में शांति, स्थिरता व सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक एकीकृत बल के रूप में काम करने को लेकर भारतीय और आसियान नौसेनाओं की क्षमता का प्रदर्शन किया।
पहले आसियान-भारत समुद्री अभ्यास (एआईएमई-2023) का सफल समापन 8 मई, 2023 को दक्षिण चीन सागर में हुआ।
इस बहुपक्षीय नौसैनिक अभ्यास के समुद्री चरण में नौ पोतों के लगभग 1400 कर्मियों ने हिस्सा लिया।
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— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) May 10, 2023
इस दो दिवसीय समुद्री चरण में युद्धाभ्यास, हेलीकॉप्टरों द्वारा क्रॉस डेक लैंडिंग, नौ-कौशल का विकास और अन्य समुद्री परिचालन सहित समुद्री विकास के एक व्यापक स्पेक्ट्रम को प्रदर्शित किया गया। समुद्री क्षेत्र में कौशल को तराशने के अलावा इस अभ्यास ने अंतर-परिचालनीयता को संवर्द्धित किया और क्षेत्र में शांति, स्थिरता व सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक एकीकृत बल के रूप में काम करने को लेकर भारतीय और आसियान नौसेनाओं की क्षमता का प्रदर्शन किया।
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