
जोधपुर में एक पारिवारिक विवाद ने बड़ा टैक्स घोटाला उजागर कर दिया। दामाद की शिकायत पर आयकर विभाग ने शुक्रवार सुबह जोधपुर के पाल गांव और आशापूर्णा सिटी में प्रॉपर्टी कारोबारी और एक किसान के घर छापा मारा। कार्रवाई सुबह 7 बजे शुरू हुई और देर रात तक जारी रही।
सूत्रों के अनुसार, यह छापा जोधपुर-बालोतरा हाईवे पर स्थित लूणावास गांव में 12 बीघा जमीन के सौदे से जुड़ा है। जमीन की DLC (District Level Committee) दर के अनुसार, सौदा लगभग 65 लाख रुपये में दर्शाया गया, जबकि बाजार मूल्य के अनुसार इसकी असली कीमत लगभग 6 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
इस मामले में पाल गांव निवासी किसान नारायण सिंह पंवार और आशापूर्णा सिटी निवासी प्रॉपर्टी डीलर जगदीश बाफना का नाम सामने आया है। आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग की सात गाड़ियों में सवार टीम ने दोनों स्थानों पर दबिश दी।
नारायण सिंह के घर से 20 लाख रुपये नकद बरामद हुए। जगदीश बाफना के घर से प्रॉपर्टी से जुड़े कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए। पाल गांव स्थित घर पर टीम रात करीब 9 बजे रवाना हो गई, जबकि आशापूर्णा सिटी में देर रात तक कार्रवाई चलती रही।
सूत्रों के अनुसार, आयकर विभाग को इस सौदे की जानकारी एक गुप्त शिकायत से मिली थी। इसके बाद विभाग ने स्थानीय पंजीयन कार्यालय से संपत्ति सौदे से जुड़े दस्तावेज, दोनों पक्षों की बैंक डिटेल और बैकग्राउंड खंगाले। जांच में टैक्स चोरी के पुख्ता सबूत मिलने के बाद छापेमारी की गई।
पारिवारिक विवाद बना जांच का आधार
मामले की दिलचस्प बात यह है कि यह छापा पारिवारिक विवाद की देन है। दोनों परिवारों में केवल बेटियां हैं और दामादों के बीच जमीन सौदे में हिस्सेदारी को लेकर विवाद चल रहा था। बताया जा रहा है कि एक दामाद को पहले ही 50 लाख रुपये से अधिक की राशि दी जा चुकी थी, बावजूद इसके वह संतुष्ट नहीं हुआ और उसने विभिन्न स्तरों पर शिकायतें करना जारी रखा। आयकर विभाग को भी इन्हीं शिकायतों में से एक मिली, जिससे पूरे मामले की परतें खुलीं।
जोधपुर में सामने आया यह मामला न केवल आयकर चोरी को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे पारिवारिक तनाव और संपत्ति विवाद सरकारी जांच की वजह बन सकते हैं। आयकर विभाग की इस कार्रवाई ने प्रॉपर्टी सौदों में हो रही गड़बड़ियों को लेकर एक बार फिर गंभीर संदेश दिया है।