लोकसभा चुनाव में राजनीति मुद्दों से जुड़ी फिल्मों का भी दौर शुरू

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  प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी की बायोपिक 12 अप्रैल को रिलीज़ होने वाली हैं।  इस ऐलान के बाद सोशल मीडिया पर काफी अजीबों-गरीब बातें होने लगी कि आम चुनावों के मौसम के बीच पीएम मोदी की बायोपिक को क्यों रिलीज़ किया जा रहा हैं। आम चुनावों के महासंग्राम का पहला घमासान 11 अप्रैल से शुरु होने जा रहा हैं। इसी बीच एक पॉलिटिकल फिल्म के मार्च के अंत में रिलीज़ होना विवादित बताया हो सकता हैं।

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले के समाधान के लिये उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर जारी मध्यस्थता के बीच उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी की फिल्म ‘राम की जन्मभूमि’  29 मार्च को रिलीज हो रही हैं। चुनावी दौर में रिलीज़ हो रही इस फिल्म को सेंसर बोर्ड से भी प्रमाणन मिल चुका हैं। इस फिल्म की कहानी राम मंदिर आंदोलन और उससे जुड़ी विवादों पर आधारित हैं। इसके अलावा फिल्म में तीन तलाक और हलाला जैसे विषयों को भी शामिल किया गया हैं।

इस फिल्म को रिलीज करने का ऐसा समय चुना गया, जब उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर नियुक्त मध्यस्थता समिति अयोध्या विवाद के विभिन्न पक्षकारों के साथ बातचीत कर सुलह और समझौते से मामला हल करने की कोशिश कर रही हैं। इस फिल्म का निर्देशन मनोज मिश्रा कर रहे है। फिल्म में मनोज जोशी, गोविंद नामदेव, नाजनीज पाटनी और राजवीर सिंह मुख्य किरदारों में होंगे।

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