जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला समेत नेशनल कॉन्फ्रेंस और उसकी धुर प्रतिद्वंद्वी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी : पीडीपी : के दो नेताओं के खिलाफ बृहस्पतिवार को प्रशासन ने जन सुरक्षा कानून :पीएसए: के तहत मामला दर्ज किया, जिस पर मुख्यधारा के दलों ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह केंद्र के केंद्रशासित प्रदेश में सामान्य हालात के दावे को झुठलाता है। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस की मौजूदगी में मजिस्ट्रेट ने उस बंगले में जाकर महबूबा को आदेश सौंपा जहां उन्हें नजरबंद रखा गया है ।
उन्होंने बताया कि उमर अब्दुल्ला के खिलाफ भी पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के महासचिव और पूर्व मंत्री अली मोहम्मद सागर को प्रशासन ने पीएसए नोटिस थमाया। इसी प्रकार पीडीपी के नेता सरताज मदनी के खिलाफ भी पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है। मदनी महबूबा मुफ्ती के मामा हैं ।
पीडीपी ने कहा कि इस तरह के ‘अलोकतांत्रिक कदम’ उठाकर केंद्र लोगों के धैर्य की परीक्षा ले रहा है।
पीडीपी के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर में यदि सबकुछ सामान्य है तो मुख्यधारा के नेताओं के साथ अपराधियों जैसा बर्ताव क्यों किया जा रहा है?’’ माकपा की जम्मू-कश्मीर इकाई ने केंद्र के इस कदम की निंदा की। माकपा के वरिष्ठ नेता एम.वाई. तारिगामी ने कहा कि यह फैसला केंद्र के जम्मू-कश्मीर में सामान्य हालात के दावे पर सवालिया निशाना लगाता है। कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई के मुख्य प्रवक्ता रवींद्र शर्मा ने चार नेताओं पर पीएसए लगाने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया।