लॉकडाउन में ढील दी जा रही है और कंपनियों को शर्तों के आधार पर काम चालू करने की अनुमति भी दी गई है। ऐसे में सवाल उठता है कि यदि किसी कर्मचारी को कंपनी में काम करते वक्त कोरोना संक्रमण होता है तो क्या कंपनी पर केस दर्ज होगा? केंद्र सरकार द्वारा जारी Lockdown Guideline में इसका जवाब है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 15 अप्रैल को जारी Lockdown Guideline को स्पष्ट करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में फैक्टरियों के कामगारों को कोरोना वायरस संक्रमित पाए जाने पर केवल उन्हीं मालिकों या प्रबंधकों पर फाइन लगेगा, जिन्होंने लापरवाही बरती है। फैक्टरी मालिकों पर जुर्माना भी तभी लगेगा जब साबित होगा कि कंपनी या संस्थान के प्रबंधन ने जानबूझकर या लापरवाही वश कोई चूक की है।
गृह मंत्रालय को इस कारण देना पड़ी सफाई
दरअसल, Lockdown बढ़ाए जाने के बाद सरकार की ओर से जारी Guideline को लेकर तरह-तरह की खबरें आ रही थींं। एक खबर यह भी आई कि अगर कोई कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाया गया तो कंपनी के निदेशकों और प्रबंधनों पर आपराधिक कार्रवाई की जाएगी। अब अमित शाह के मंत्राल ने इस पर सफाई दी है।
गृह मंत्रालय ने बुधवार को इन मीडिया रिपोर्टों की गलतबयानी को खारिज करते साफ किया कि मंत्रालय के दिशा-निर्देशों की गलत व्याख्या की गई है। होम मिनिस्ट्री के प्रवक्ता ने ट्वीट कर कहा कि मंत्रालय के दिशा-निर्देश के अनुसार डीएम (आपदा प्रबंधन) अधिनियम, 2005 तभी लागू होगा जब नियोक्ता ने जानबूझकर या लापरवाही वश कोरोना संक्रमण को बढ़ाया हो।