हरियाणा सरकार ने प्रदेश में सूक्ष्म , लघु और मध्यम उद्यम को बढ़ावा देने के लिए अनूठी पहल करते हुए आज ‘प्रोग्राम टू एक्सलरेट डेवलपमेंट फॉर एमएसएमई एडवांसमेंट (पदमा)’ कार्यक्रम की शुरुआत की।
मनोहर लाल ने आज यहां आयोजित समारोह में पदमा का औपचारिक रूप से शुभारंभ करते हुए कहा कि स्थानीय उत्पादों को पहचान दिलाने के मकसद से पदमा कार्यक्रम का उद्देश्य प्रत्येक ब्लॉक के लिए क्लस्टर स्तर पर एक गतिशील, आत्मनिर्भर और संपन्न औद्योगिक बुनियादी ढांचा तैयार करना है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री अनूप धनक भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
उन्होंने कहा कि पदमा एक बहु-विभागीय और बहु-एजेंसी कार्यक्रम है जो न केवल स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय युवाओं, विशेषकर लक्षित अंत्योदय परिवारों को रोजगार के पर्याप्त अवसर प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पदमा- 5 वर्षीय कार्यक्रम है, जिससे राज्य के सभी ब्लॉकों में पदमा औद्योगिक पार्कों के विकास के माध्यम से हरियाणा में औद्योगिक परिदृश्य में क्रांति आएगी। इस कार्यक्रम से इंफ्रास्ट्रक्चर, कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी), बिजनेस डेवलपमेंट सर्विस (बीडीएस) सेंटर और प्रत्येक ब्लॉक में नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के रूप में 25,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि इन क्लस्टरों में अगले साल करीब 10-15,000 नई इकाइयां खुलने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के अनुरूप और॒ एमएसएमई के सहयोग के लिए एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र के विकास पर ध्यान दिया गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने एमएसएमई के लिए एक अलग से निदेशालय की स्थापना की है।
उन्होंने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र हरियाणा के आर्थिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और सकल राज्य मूल्य वर्धित (जीएसवीए) में इनका योगदान 22 प्रतिशत से अधिक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पदमा के तहत, राज्य के 22 जिलों (सभी 140 ब्लॉक) के प्रत्येक ब्लॉक में स्थानीय रूप से उपलब्ध संसाधनों, मौजूदा सूक्ष्म उद्यम पारिस्थितिकी तंत्र, जनसांख्यिकीय प्रोफाइल, प्रमुख अवसरों, तेजी से बढ़ रहे उद्योग क्षेत्रों व विकास क्षमता के आधार पर एक उत्पाद की पहचान की गई है।
उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक होगा तो इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण और कौशल भी प्रदान किया जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में आए उद्योग संघों, चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधियों से बजट से संबंधित सुझाव भी मांगे।
इससे पूर्व, उपमुख्यमंत्री, जिनके पास उद्योग और वाणिज्य विभाग भी है, दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पदमा के शुभारंभ के साथ ही राज्य में उद्योगों को आगे ले जाने के लिए एक नया बेंचमार्क स्थापित किया गया है।
उन्होंने कहा कि एक साल पहले, इस एक ब्लॉक एक उत्पाद का खाका तैयार किया गया था और इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन से पहले एक सर्वेक्षण और अध्ययन किया गया था। इनके निष्कर्षों में पाया गया कि ब्लॉक स्तर पर विभिन्न स्थानीय उत्पाद हैं, जिनमें बड़े बाजार की क्षमता है। इसलिए, ॒प्रत्येक ब्लॉक और उनके विशेष उत्पाद को बड़े स्तर पर बढ़ावा देने के लिए, पदमा कार्यक्रम आज शुरू किया गया है।
उन्होंने कहा कि पदमा कार्यक्रम के माध्यम से, राज्य सरकार युवाओं को पर्याप्त रोजगार के अवसर सुनिश्चित करने के साथ-साथ हर ब्लॉक में विशेष उत्पादों का तालमेल बिठाकर ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे छोटे उद्योगों को अधिकतम प्रोत्साहन सुनिश्चित करेगी।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जो जिले अभी विकासशील हैं, उन्हें राज्य सरकार से विशेष प्रोत्साहन की आवश्यकता है और पदमा पहल से राज्य में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 3 लाख से अधिक युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने हेतु जमीनी स्तर पर विकास होगा।
एमएसएमई निदेशालय पदमा कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए नोडल विभाग है। एमएसएमई निदेशालय के अलावा, अन्य संबंधित विभाग जैसे एचएसआईआईडीसी, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग तथा कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग सहयोग करेंगे और कार्यक्रम के सुचारू निष्पादन के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करेंगे।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी एस ढेसी, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव श्री विजयेंद्र कुमार, हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम के प्रबंध निदेशक विकास गुप्ता, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम की महानिदेशक अमनीत पी कुमार, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल भी उपस्थित रहे।