जन आंदोलन की राष्ट्रीय समन्वयक मेधा पाटकर ने संडीला के तहसील परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम किसान पंचायत को संबोधित सम्बोधत करते हुए कहा कि मोदी और योगी उद्योगपति अडानी और अंबानी के हाथों देश को बेच रहे हैं।
इसके आगे मेधा पाटकर ने कहा कि किसान त्राहि-त्राहि कर रहा है। किसान आंदोलन को 11 माह से अधिक समय हो गया है, लेकिन सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं ले रही है। यह हाल तब है जबकि दिल्ली के चारों तरफ किसान डेरा डाले हैं।
जन आंदोलन की राष्ट्रीय समन्वयक मेधा पाटकर ने कहा है कि मोदी और योगी उद्योगपति अडानी और अंबानी के हाथों देश को बेच रहे हैं। यही वजह है कि महंगाई बढ़ी है, ईंधन से लेकर घरेलू गैस तक मंहगी हुई है। उन्होंन लखीमपुर खीरी कांड में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की बर्खास्तगी अब तक न होने पर आश्चर्य भी जताया।
कहा कि महंगाई के चलते लोगों का घरेलू बजट तक बिगड़ रहा है, लेकिन देश को अडानी और अंबानी के हाथों बेचा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि किसानों को धान का समर्थन मूल्य नहीं मिलता, जिसके कारण धान बिचौलियों के हाथों बेचने पर मजबूर होना पड़ता है। सरकार किसानों की समस्याओं को अनावश्यक रूप से खींच रही है। आयोजक मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडेय के नेतृत्व में सात सूत्री ज्ञापन एसडीएम को दिया गया। इस दौरान संडीला नगर पालिका के अध्यक्ष रईस अंसारी, भाकियू लोकतांत्रिक के राकेश चौहान, संडीला विकास मंच के राजेश अवस्थी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
संडीला नगर पालिका द्वारा ज्ञापन में की गईं मांगें,
छुट्टा मवेशियों से किसानों के खेतों को बचाने का उपाय किया जाए। खेतों को बचाने के लिए कटीले तार लगाने पर लगा प्रतिबंध हटाया जाए। पराली जलाने पर प्रतिबंध हटाया जाए। किसानों के सारे कर्ज माफ किए जाए। किसानों को मुफ्त बिजली दी जाए। आम किसानों की समस्याओं का निस्तारण किया जाए। युवाओं को रोजगार की गारंटी दी जाए।