
प्रदूषण मुक्त और आधुनिक सार्वजनिक परिवहन की दिशा में उत्तराखंड सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। शहर में जल्द ही इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसें सड़कों पर उतारी जाएंगी। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को एशियाई विकास बैंक (ADB) के सहयोग से मंजूरी मिल चुकी है, जिसके तहत कुल 50 नई बसें खरीदी जाएंगी। यह पहल बढ़ती वाहन संख्या और वायु प्रदूषण को कम करने में मील का पत्थर साबित होगी।
पहले चरण में 30 ई-बसें, 20 CNG बसें
परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पहले चरण में 30 इलेक्ट्रिक और 20 CNG बसें शामिल होंगी। ये बसें हल्द्वानी–नैनीताल, हल्द्वानी–रामनगर और शहर के प्रमुख आंतरिक मार्गों पर संचालित की जाएंगी। परियोजना की 80% फंडिंग ADB करेगा, जबकि शेष राशि राज्य सरकार वहन करेगी। कुल अनुमानित बजट 100 करोड़ रुपये है, जिसमें चार्जिंग स्टेशन, डिपो निर्माण और ड्राइवर प्रशिक्षण भी शामिल हैं।
तीन महीने में सड़कों पर उतरेंगी बसें
नई बसें अगले तीन महीनों में परिचालन में आ जाएंगी। यात्रियों की सुविधा के लिए बसें GPS ट्रैकिंग और डिजिटल टिकटिंग से लैस होंगी। नगर निगम ने प्रमुख चौराहों और मार्गों पर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की तैयारी शुरू कर दी है।
500 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी
अधिकारियों के मुताबिक, इस योजना से हर साल करीब 500 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और ईंधन खर्च में 40% तक बचत होगी। चरणबद्ध तरीके से डीजल बसों को हटाकर हल्द्वानी को उत्तराखंड का पहला ग्रीन ट्रांसपोर्ट हब बनाने का लक्ष्य है।
यात्रियों को सस्ती और सुरक्षित सुविधा
स्थानीय व्यापारियों और पर्यटकों ने योजना का स्वागत किया है, क्योंकि इससे ट्रैफिक जाम और पार्किंग की समस्या में राहत मिलेगी। यात्रियों को किफायती किराए पर बेहतर सुविधा मिलेगी, जबकि महिलाओं और छात्रों के लिए विशेष छूट का प्रावधान रहेगा। परिवहन मंत्री ने बताया कि जल्द ही परियोजना से जुड़ी अधिसूचना जारी की जाएगी और भविष्य में अन्य शहरों में भी इसी मॉडल को लागू किया जाएगा। पर्यावरणविदों ने इस कदम को जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में सकारात्मक पहल बताते हुए इसे शहरी परिवहन का भविष्य करार दिया है।












