दक्षिण कश्मीर में अमरनाथ श्रद्धालुओं व सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड हमले की साजिश को सुरक्षाबलों ने अपनी सूजबुझ से नाकाम कर दिया गया है। सुरक्षाबलों ने शुक्रवार को लश्कर-ए-तैयबा के चार ग्रेनेड थ्रोअर माड्यूल आतंकियों को गिरफ्तार कर उनसे एक पिस्तौल, दो मैगजीन व 14 कारतूस के अलावा एक ग्रेनेड व अन्य आपत्तिजनक साजो सामान बरामद किया। अभी चारों से पूछताछ जारी है। पकड़े गए आतंकी माड्यूल ने ही 24 मई 2022 को यारीपोरा के मेन चौक में पुलिस नाकापार्टी पर ग्रेनेड से हमला किया था। इस हमले में पुलिसकर्मी तो बच गए थे, लेकिन 13 आम नागरिक जख्मी हो गए थे।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस को अपने सूत्रों से पता चला था कि लश्कर का एक आतंकी माड्यूल कुलगाम में राष्ट्रीय राजमार्ग पर किसी जगह ग्रेनेड हमला या आइईडी विस्फोट करने की फिराक में है। पुलिस ने मुखबिरों को सक्रिय करते हुए संदिग्ध तत्वों की निगरानी शुरू की। इस दौरान मिले सुराग पर पुलिस ने सेना की 01 आरआर के जवानों के साथ कुलगाम में कुछ जगहों पर छापा मारा। इन छापों में चार आतंकी पकड़े गए। इनकी पहचान नासिर नबी डार, मोहम्मद अब्बास डार, आकिब मजीद गनई और जाहिद अली बट के रूप में हुई है। पूछताछ में चारों ने यारीपोरा ग्रेनेड हमले में अपनी संलिप्तता स्वीकारते हुए कुलगाम, काजीगुंड और अनंतनाग में हुई कुछ अन्य आतंकी वारदातों के बारे में भी अहम जानकारियां दी हैं।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह माड्यूल एक साल से भी ज्यादा समय से सक्रिय था। चारों इंटरनेट के जरिए सरहद पार बैठे अपने हैंडलरों के अलावा दक्षिण कश्मीर में सक्रिय विभिन्न आतंकियों और ओवरग्राउंड वर्करों के साथ भी लगातार संपर्क में थे। चारों का पकड़ा जाना सुरक्षाबलों के लिए बड़ी कामयाबी है। यह माड्यूल दक्षिण कश्मीर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर श्री अमरनाथ के श्रद्धालुओं पर भी ग्रेनेड हमले की फिराक में था।