कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक शांति मार्च की अगुवाई के दौरान बुधवार को सरकार पर दिल्ली में कानून व्यवस्था बनाये रखने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफे की मांग की । प्रियंका गांधी ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हुई हिंसा के मद्देनजर कांग्रेस कार्यालय से शुरू हुए शांति मार्च का नेतृत्व किया। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक, जितिन प्रसाद, पी एल पुनिया, रंदीप सुरजेवाला, राजीव गौड़ा, शक्तिसिंह गोहिल, अजय सिंह लल्लू, मणिशंकर अय्यर, सुष्मिता देव, कृष्णा तीरथ और दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने भी मार्च में भाग लिया । गौरतलब है
कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का समर्थन और विरोध करने वाले समूहों के बीच संघर्ष ने साम्प्रदायिक रंग ले लिया था जिसमें अबतक 24 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 200 से अधिक घायल हुए हैं । यह मार्च पार्टी के मुख्य कार्यालय 24 अकबर रोड से शुरू हुआ । हालांकि, पुलिस ने इन नेताओं को आधे रास्ते में ही रोक दिया । कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता बैरिकेड लगाकर बंद की गई सड़क पर ही बैठ गये और महात्मा गांधी का मनपसंद भजन ‘‘रघुपति राघव राजा राम’’ गाना शुरू कर दिया। उन्होंने एकता के लिए नारेबाजी की । पुलिस ने बैरिकेड लगा कर जहां कांग्रेस नेताओं को रोका वहां कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने उनसे प्रभावित इलाकों में जाने तथा शांति एवं भाईचारे का संदेश फैलाने की अपील की ।
उन्होंने सरकार पर दिल्ली को ‘बर्बाद’ करने का आरोप लगाया जहां देश भर से लोग रोजगार की तलाश में आते हैं । कांग्रेस महसचिव ने कहा, ‘‘ यह हमारा शहर है । लोग यहां काम की तलाश में आते हैं । आज इस शहर में आग और घृणा फैलायी जा रही है । हम उस पार्टी से हैं जिसने स्वतंत्रता संघर्ष में योगदान दिया और शांति एवं सौहार्द बनाये रखना हमारा कर्तव्य है । मैं आप सभी से आग्रह करती हूं कि प्रेम और भाईचारे का संदेश फैलायें ।’’ प्रियंका ने आरोप लगाया, ‘‘ राष्ट्रीय राजधानी में शांति कायम करना सरकार और गृह मंत्री का काम है लेकिन वे विफल रहे।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली आपका शहर है और इसे नष्ट किया जा रहा है, सरकार शांति बनाए रखने में विफल रही है।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हम गृह मंत्री के आवास तक जाना चाहते थे और इस्तीफा मांगना चाहते थे लेकिन पुलिस ने हमें रोक दिया। ’’ कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि सरकार कार्रवाई करे यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करे ताकि शांति व्यवस्था कायम रहे ।’’ प्रियंका ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा, ‘‘आप सभी से मेरा आग्रह है कि जब आप यहां से जायें, तो उन घरों में जायें जो दर्द एवं तकलीफ में हैं ।’’ उन्होंने याद किया कि कैसे इंदिरा गांधी चांदनी चौक गयीं जहां उन्होंने दस परिवारों को चाय पर बुलाया था जिनमें हिंदू, मुस्लिम एवं इसाई परिवार थे ।
उन्होंने कहा कि उन्होंने (इंदिरा गांधी) ने एक छोटे कदम से उनके बीच बातचीत की प्रक्रिया शुरू की। उनके बीच प्यार और सौहार्द बहाल किया और कांग्रेस पार्टी हमेशा इस सिद्धांत पर अमल करती है। इसलिए मैं आप सभी से फिर आग्रह करती हूं कि हमाला धर्म अहिंसा और लोगों की सेवा है। देश को आज आपकी जरूरत है और आपको प्यार और शांति के संदेश के साथ सभी घरों में जाना चाहिए। एकता का संदेश देते हुए कांग्रेस नेताओं ने पोस्टर लिये धरना दिया जिस पर लिखा था, ‘‘आज हमारा एक ही नारा, नहीं बंटे समाज हमारा ।’’