पूर्व एनसीएल अधिकारी गिरफ्तार, जमानत पर रिहा

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राज्स के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में वन की अवैध कटाई के मामले में वन विभाग ने राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) और छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम (सीएमडीसी) के संयुक्त उद्यम एनसीएल के एक पूर्व अधिकारी को गिरफ्तार किया था। एक स्थानीय अदालत ने अधिकारी को जमानत पर रिहा कर दिया गया है। वन विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि एनसीएल के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी व्हीएस प्रभाकर :58 वर्ष: को गुरूवार को गिरफ्तार किया गया तथा उन्हें जिले के बचेली स्थित स्थानीय अदालत में पेश किया गया था। प्रभाकर वर्तमान में हैदराबाद स्थित एनएमडीसी कार्यालय में कार्यपालिक निदेशक पद पर पदस्थ हैं।

अधिकारियों ने बताया कि जब राज्य में भारतीय जनता पार्टी सत्ता में थी तब संयुक्त उद्यम कंपनी एनसीएल द्वारा बैलाडीला के 10 एमटीपीए की क्षमता वाले डिपोजिट नंबर 13 के लौह अयस्क खदान को विकसित किया जा रहा था। खुदाई और खान विकास का ठेका अदानी इंटरप्राइजेस लिमिटेड को दिया गया था। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष इस क्षेत्र में वनों की कटाई की जांच से पता चला था कि एनसीएल के तत्कालीन सीईओ प्रभाकर ने कथित रूप से पेड़ों की कटाई के लिए अनधिकृत तरीके से निविदा जारी की थी।

अधिकारियों ने बताया कि एनसीएल ने खनन स्थल के लिए एप्रोच रोड बनाने के लिए पेड़ों की कटाई की अनुमति मांगी थी। रायपुर स्थित वन विभाग के प्रधान कार्यालय ने 25400 पेड़ों को काटने की अनुमति दी थी। पेड़ों की कटाई तय नियम के अनुसार किया जाना था। लेकिन प्रभाकर ने वन भूमि की कटाई के लिए अखबारों में विज्ञापन जारी किया था और पिछले साल जनवरी माह में एक निजी ठेकेदार बीके लाला को कार्य आवंटित कर दिया गया था। इसके बाद इस क्षेत्र में कुल 582 पेड़ों को काट दिया गया।

जिसके कारण विभाग को 457830 रुपए का नुकसान हुआ। बाद में मई में भारतीय वन अधिनियम और अन्य अधिनियमों के तहत मामला दर्ज कर लिया गया तथा मामले की जांच शुरू की गई। अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को जब प्रभाकर दंतेवाड़ा में अपना बयान दर्ज कराने आए थे तब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया तथा बचेली के एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया। उन्होंने बताया कि प्रभाकर को जमानत पर रिहा कर दिया गया है।