
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर सोमवार से नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी की छह दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर रवाना हो रहे हैं। यह यात्रा 19 से 24 मई तक चलेगी और इसका उद्देश्य भारत के रणनीतिक साझेदार यूरोपीय देशों के साथ सहयोग को और सुदृढ़ करना है।
इस दौरे के दौरान आतंकवाद पर वैश्विक स्तर पर भारत की चिंता को मुखरता से रखने और पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने के मुद्दे को उजागर किए जाने की पूरी संभावना है। हाल ही में भारत में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद यह जयशंकर की पहली विदेश यात्रा होगी, जिससे इस दौरे का महत्व और भी बढ़ जाता है।
भारत के कड़े कदमों की जानकारी देंगे जयशंकर
सूत्रों के अनुसार, विदेश मंत्री अपने समकक्षों को भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत 7 मई को पाकिस्तान और पीओके (गुलाम जम्मू कश्मीर) में नौ आतंकी ठिकानों को तबाह करने की जानकारी देंगे। भारत की इस कड़ी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने भी भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की, जिसे सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया।
कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा है यह दौरा
यह यात्रा भारत की चल रही कूटनीतिक पहलों का हिस्सा है, जिसमें प्रमुख वैश्विक ताकतों के साथ समन्वय और रणनीतिक संवाद को मजबूती दी जा रही है। तीनों यूरोपीय देशों के साथ आर्थिक, तकनीकी, रक्षा और जलवायु सहयोग जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने की कोशिश
जयशंकर का यह दौरा आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहमति बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। भारत लगातार यह आग्रह करता रहा है कि आतंकवाद को किसी भी रूप में समर्थन देने वाले देशों को वैश्विक मंच पर जवाबदेह ठहराया जाए।