उत्तराखंड में मत्स्य पालन को बढ़ावा, लोगों को मिलेगा स्वरोजगार

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उत्तराखंड प्रदेश में ट्राउट मत्स्य पालन को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए सरकार ने 200 करोड़ रुपये की योजना का प्रस्ताव तैयार किया है। नाबार्ड के सहयोग से इसके लिए मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जाएगा।शुरुआत में इसके लिए आठ जिलों को संभावित जिलों के रूप में चिह्नित किया गया है। प्रदेश के पहाड़ी जिलों की नदियां और प्राकृतिक झीलें ट्राउट मत्स्य पालन के लिए अत्यधिक उपयुक्त हैं।

सरकार का फोकस मत्स्य संपदा योजना के तहत इसके उत्पादन को बढ़ाने और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के नए अवसर पैदा करना है।बताया गया कि अन्य राज्यों की तुलना में विभिन्न कारणों से उत्तराखंड में ट्राउट पालन अभी भी प्रारंभिक चरण में है, जो मध्य हिमालय क्षेत्र में सर्वोत्तम कृषि विकल्पों में से एक है। ट्राउट ठंडे और मीठे पानी की मछली है। प्रदेश के उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर, हरिद्वार और हरिद्वार जिले को संभावित जिलों के रूप में चिह्नित किया गया है।