
मध्यप्रदेश में स्कूलों के जर्जर हालात की तस्वीरें आए दिन सामने आती रहती हैं. सवाल यह उठता है कि स्कूलों के रखरखाव के लिए राज्य और केंद्र सरकार से मिलने वाली मदद के बावजूद इन्फ्रास्ट्रक्चर के हालात में सुधार क्यों नहीं आ पाता है?
इसका जवाब शहडोल जिले के सकंदी और निपनिया सरकारी स्कूलों में कराए गए काम के वायरल हो रहे बिलों में मिलता है. अगर बिलों पर जाएं तो सकंदी के स्कूल में 4 लीटर पेंट की पुताई के साथ-साथ 168 मजदूरों और 65 मिस्त्रियों का भुगतान निकाल लिया गया. बिल देखने पर यही लगता है कि क्या 4 लीटर पेंट की पुताई करने में इतने मजदूर और मिस्त्री लग गए?
ब्यौहारी विकासखंड के शासकीय हाई स्कूल ग्राम सकंदी में फर्जी बिल में 168 मजदूर और 65 राजमिस्त्री 4 लीटर ऑयल पेंट की पुताई के लिए लगे थे, जिसकी राशि 1 लाख 6 हजार 984 रुपए कोषालय से निकाल ली गई है.