सर्जिकल स्ट्राइक में खास भूमिका अदा करने वाले रिटायर्ड जनरल डीएस हुड्डा ने सर्जिकल स्ट्राइक पर एक बड़ा बयान दिया है। डीएस हुड्डा ने कहा इसका ज्यादा प्रचार और राजनीतिकरण किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके इतने प्रचार की जरूरत नहीं थी।डीएस हुड्डा ने कहा कि मुझे लगता है कि सर्जिकल स्ट्राइक का बहुत ज्यादा प्रचार किया गया। हमला जरूरी था और हम लोगों ने इसे किया। अब इसका कितना राजनीतिकरण करना चाहिए थो जो सही हो या गलत इसका जवाब नेताओं से पूछा जाना चाहिए। डीएस हुड्डा ने ये बात चंडीगढ़ लेक क्लब में शुरू हुए आर्मी मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल में रोल ऑफ क्रॉस बॉर्डर ऑपरेशन एंड सर्जिकल स्ट्राइक पर शुक्रवार को कही।
उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक करने का मतलब ये नहीं है कि आतंकवाद खत्म हो जाए। इसका मकसद पाकिस्तान को करारा जवाब देना था। सर्जिकल स्ट्राइक से यह समझना कि अब आतंक खत्म हो गया या पाकिस्तान बाज आ जाएगा, यह गलत है। उन्होंने कहा कि ये स्ट्राइक एक ऑपरेशन था जो समय की मांग के अनुसार होता है।बता दें कि पठानकोट हमले के बाद से ही सेना गुस्से में थी और इसके बाद उरी हमला हो गया। इसके अलावा पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतें करते ही रहता है। इन्हीं सबको ध्यान में रखते हुए उरी हमला के एकदम बाद सर्जिकल स्ट्राइक का फैसला ले लिया गया और दस दिन की प्लानिंग के बाद 29 सितंबर, 2016 को सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान को सबक सिखाया गया था