अनुभव सिन्हा की फिल्म आर्टिकल 15 का ट्रेलर रिलीज होने के बाद से ही सुर्खियों में है। इस फिल्म के ट्रेलर में दिखाया गया था कि दो दलित लड़कियों को रेप और मर्डर के बाद उनके शवों को पेड़ से लटका दिया जाता है। क्योंकि वे अपनी दिहाड़ी मजदूरी में 3 रुपये बढ़वाने की बात कह रही थीं। फिल्म के ट्रेलर में दिखाया गया है कि कैसे अब भी देश में कास्ट सिस्टम ने समाज के एक हिस्से को बुरी तरह प्रभावित किया हुआ है।
आयुष्मान खुराना ने इस फिल्म में एक पहली बार पुलिस ऑफिसर की भूमिका निभा रहे हैं। फिल्म में आयुष्मान की जाति ब्राह्मण है जो कास्ट की जटिलताओं के साथ डील करते नजर आते हैं। ट्रेलर रिलीज़ होने के बाद से ही ब्राह्मण समुदाय इस फिल्म से नाराज़ है। बता दें कि साल 2014 में बदायूं में ऐसी ही एक जघन्य अपराध की घटना हुई थी। उस दौरान यूपी में अखिलेश यादव की सरकार थी।
माममे में कुछ नाम सामने आए थे। कहा यह भी गया कि मामले में आरोपियों की जाति की वजह से पुलिस ने अपनी भूमिका ठीक ढंग से नहीं निभाई। समाजवादी पार्टी के पॉलिटिकल प्रेशर के चलते पुलिस ने मामले में जरूरत के हिसाब से सख्ती और सक्रियता नहीं दिखाई।
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