उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा होने के बाद मंगलवार को योगी सरकार में श्रम एवं सेवायोजन मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।और सपा में शामिल हो गए। उनके इस फैसले पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मंत्री से जल्दबाजी में कोई फैसला करने के बजाय बैठकर बात करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि वह नहीं जानते कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने किन कारणों से इस्तीफा दिया मगर जल्दबाजी में लिए गए फैसले अक्सर गलत साबित होते है, इसलिए उनसे आग्रह है कि उन्हें बैठकर बात करनी चाहिए।
उप मुख्यमंत्री ने ट्वीट कहा कि:आदरणीय स्वामी प्रसाद मौर्य जी ने किन कारणों से इस्तीफा दिया है, मैं नहीं जानता हूं। उनसे अपील है कि बैठकर बात करें, जल्दबाजी में लिए हुए फैसले अक्सर गलत साबित होते हैं।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेजे इस्तीफे में उन्होंने लिखा कि योगी आदत्यनाथ के मंत्रिमंडल में श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों एवं विचारधारा में रह कर बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वाहन किया है किंतु दलितों पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूं।
इसके अलावा, भाजपा विधायक रोशन लाल वर्मा, भगवती सागर, बृजेश प्रजापति, ममतेश शाक्य, विनय शाक्य, धर्मेंद्र शाक्य और नीरज मौर्य के भी विधायकी से इस्तीफा देने का एलान किया है। रोशन लाल वर्मा ही स्वामी प्रसाद मौर्य का इस्तीफा लेकर राजभवन गए थे।