दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जेल और जमानत की स्थिति कभी भी पलट सकती है। आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के समय को लेकर सवाल उठाते हुए उच्चतम न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय से पांच सवाल पूछे हैं। इसके जवाब पर ही अब केस का भविष्य टिका हुआ है।
प्रवर्तन निदेशालय अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से कहा कि कई सवाल हैं, जिनका आपको विस्तार से जवाब देना होगा। शीर्ष अदालत ने केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी मामला दर्ज व गिरफ्तारी के बीच के समय पर भी उठाया। सिंघवी सवाल की दलीलों को सुनने के बाद उच्चतम न्यायलय ने प्रवर्तन निदेशालय से पांच सवाल पूछा है। इसका विस्तृत जवाब शुक्रवार को होने वाली में देने के लिए कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछे ये 5 सवाल
1.क्या बिना न्यायिक कार्यवाही के आपराधिक कार्यवाही शुरू की जा सकती है?
2.मनीष सिसोदिया के मामले में फैसले के दो भाग हैं, एक, जो उनके पक्ष में है, और दूसरा, जो उनके पक्ष में नहीं है। केजरीवाल का मामला किस भाग में आता है?
3.धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 19 की व्याख्या कैसे की जाए क्योंकि याचिकाकर्ता केजरीवाल जमानत के बजाय गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ याचिका दाखिल की है।
4.कार्यवाही शुरू होने और कुछ समय बाद बार-चार शिकायत दर्ज होने के बीच का समय अंतराल क्यों है?
5.आचार संहिता लागू होने से पहले केजरीवाल की गिरफ्तारी का समय क्यों चुना गया ?