Home news कोरोना वायरस खतरे के बीच अमेरिका में मंडरा रहा कामबंदी का खतरा

कोरोना वायरस खतरे के बीच अमेरिका में मंडरा रहा कामबंदी का खतरा

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कोरोना वायरस के प्रकोप से लड़ने के लिए देशभर में अधिकारियों ने अमेरिकी जनजीवन के कई आवश्यक पहलुओं पर रविवार को रोक लगा दी। स्वास्थ्य अधिकारियों ने 50 या उससे अधिक लोगों को एकजुट न होने देने की अनुशंसा की है वहीं एक सरकारी विशेषज्ञ का कहना है कि देश में 14 दिन के लिए कामबंदी की घोषणा जरूरी हो सकती है। कोरोना वायरस का संकट गहराने के बीच विभिन्न राज्यों के गवर्नर और मेयर रेस्तरां, बार और स्कूल बंद करने के आदेश दे रहे हैं। विदेश यात्राओं से घर लौट रहे यात्री बड़े -बड़े हवाईअड्डों पर स्क्रीनिंग के चलते घंटों कतार में खड़े रहने को मजबूर हैं

जो इतने लोगों की मौजूदगी में एक तरह से भीड़-भाड़ वाली जगह में ही तब्दील हो जाता है और स्वास्थ्य अधिकारी लोगों से ऐसी जगहों से बचने की अपील कर रहे हैं। आर्थिक मंदी के आसन्न खतरे को देखते हुए फेडरल रिजर्व ने अपने निर्देशित ब्याज दर को घटा कर लगभग शून्य कर दिया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति पर “जबर्दस्त नियंत्रण” की घोषणा करते हुए तनावग्रस्त राष्ट्र को आश्वस्त करने का प्रयास किया और लोगों से किराने का सामान खरीदने को लेकर हाय-तौबा नहीं मचाने की अपील की। बंदूक के स्टोर पर भी इसी तरह का चलन देखने को मिल रहा है जहां लोग हथियार और गोला-बारूद खरीद कर अपने पास रख रहे हैं।

संघीय सरकार के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एंथनी फोसी ने कहा कि वह चाहते हैं कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देश में 14 दिन तक कामंबदी लागू की जाए। हालांकि ट्रंप इस पर विचार कर रहे हैं इसके कोई संकेत नहीं मिले हैं। अमेरिकी लोगों के अपनी नियमित आदतों में बदलाव लाने के लिए संघर्ष करने के बीच रोग नियंत्रण एवं बचाव केंद्र (सीडीसी) ने एक अनुशंसा जारी की है : क्योंकि बड़े कार्यक्रमों से बीमारी का फैलना बढ़ सकता है, इसलिए देश में अगले आठ हफ्तों तक 50 या उससे अधिक लोगों के एकजुट होने संबंधी सभी कार्यक्रम रद्द किए जाएं या टाले जाएं।

केंद्र ने कहा कि किसी भी कार्यक्रम में उचित एहतियात बरते जाने चाहिए यानि यह सुनिश्चित किया जाए कि लोग अपने हाथ धो रहे हैं और एक-दूसरे के ज्यादा करीब नहीं जा रहे हैं। हालांकि सीडीसी के बयान में यह भी कहा गया है कि यह अनुशंसा ‘‘स्कूल, उच्च शिक्षण संस्थानों या कारोबारों जैसे संगठनों के नियमित कार्य विधि पर लागू नहीं होती।” केंद्र के इस बयान को सही संतुलन बनाने में आ रही कठिनाई के संकेत के रूप में देखा जा सकता है। चेतावनी से पहले ही देश के कई हिस्से भूतिया कस्बों में तब्दील हो गए हैं और अन्य भी इस राह पर चलते दिख रहे हैं जिन्होंने स्कूल, पार्क, बार और रेस्तरां आदि बंद कर दिए हैं।