कांग्रेस कार्यकर्ताओं का भाजपा कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन, 58 के खिलाफ प्राथमिकी

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कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बुधवार शाम को यहां प्रदेश भाजपा कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने कांग्रेस के 58 कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है। बेंगलुरु में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह सहित प्रदेश कांग्रेस के मंत्रियों को कर्नाटक पुलिस द्वारा बुधवार सुबह कथित रूप से हिरासत में लिए जाने की घटना से नाराज कांग्रेस कार्यकर्ता यहां भाजपा कार्यालय का घेराव करने आज शाम यहां जमा हो गए और नारेबाजी करने लगे। हबीबगंज इलाके के नगर पुलिस अधीक्षक भूपेन्द्र सिंह ने पीटीआई को बताया कि भाजपा जिला अध्यक्ष विकास विरानी की शिकायत पर पुलिस ने राहुल राठौर सहित 8 लोगों के खिलाफ नामजद और 50 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

उन्होंने बताया कि आरोपियों के खिलाफ भादवि की धारा 147, 323 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है। प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता राहुल कोठारी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार मध्यप्रदेश में जल्द ही जाने वाली है इसलिए भाजपा कार्यालय पर हमला किया गया है। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘हम अपने कार्यालय में शांतिपूर्वक बैठे हुए थे। तभी कांग्रेस के लोगों ने पत्थरों और लाठियों से हमारे ऊपर हमला कर दिया।’’ पुलिस सूत्रों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों में से कुछ को हिरासत में लिया गया। इस घटना में किसी को चोट नहीं पहुंची है। कोठारी के आरोपों से इंकार करते हुए प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता वहां :भाजपा कार्यालय: गए थे लेकिन विरोध करने से पहले ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता कर्नाटक की भाजपा सरकार के खिलाफ शांतिपूर्वक प्रदर्शन करना चाहते थे। कर्नाटक की भाजपा सरकार ने बेंगलुरु में हमारे नेता दिग्विजय सिंह को हमारे ही विधायकों से आज नहीं मिलने दिया था। गुप्ता ने आरोप लगाया कि शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन पर भाजपा एक झूठी कहानी परोसने का नाटक कर रही है। आधारहीन आरोप लगाने के बजाय वह एक भी ऐसे व्यक्ति के बारे में बताए जो इस शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में आहत हुआ हो। इसबीच, हबीबगंज पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक राकेश श्रीवास्तव ने बताया, ‘‘घटना में किसी को चोट नहीं आई है। विरोध प्रदर्शन में हमें हिंसा की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।’’

गौरतलब है कि कांग्रेस द्वारा कथित तौर पर उपेक्षा किये जाने से परेशान होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और बाद में भाजपा में शामिल हो गये। इसके बाद ही मध्यप्रदेश के 22 कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जिनमें से अधिकांश सिंधिया के कट्टर समर्थक हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने छह विधायकों के त्यागपत्र मंजूर कर लिए हैं जबकि शेष 16 विधायकों के त्यागपत्र पर अध्यक्ष ने फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है। इससे प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर संकट गहरा गया है। ये सभी 22 विधायक एवं पूर्व विधायक बेंगलुरु में डेरा डाले हुए हैं।