मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के घोषणा पत्र में राज्य की सरकारी इमारतों और परिसरों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शाखाओं पर पाबंदी लगाने की घोषणा को लेकर सियासत गरमा गई है। भाजपा ने इस पर आपत्ति जताई है।
बता दें कि कांग्रेस ने शनिवार को मध्य प्रदेश में घोषणा पत्र जारी किया था, जिसमें राज्य की सरकारी इमारतों और परिसरों में आरएसएस की शाखाओं पर पाबंदी लगाने की बात कही गई थी। वही कांग्रेस के घोषणापत्र में आरएसएस की शाखा को बंद करने का जिक्र होने पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने पलटवार करते हुए कहा, ‘ऐसा लगता है कि आजकल कांग्रेस का सिर्फ एक ही लक्ष्य है मंदिर नहीं बनने देंगे, शाखा नहीं चलने देंगे।’
भाजपा प्रवक्ता और भोपाल से सांसद आलोक संजर ने कहा है कि कांग्रेस को संघ के बारे में पहले समझना चाहिए। उसका सूक्ष्म परीक्षण करना चाहिए। उसके बाद वो ऐसी बात नही करेंगे। संजर ने कांग्रेस के शासकीय भवनों में आरएसएस की शाखा लगाने के आरोप को भी गलत बताया। उन्होंने कहा कि आरएसएस की शाखाएं मैदान में लगती हैं या फिर संघ की अपनी सम्पत्तियों में ना कि शासकीय भवनों में।वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम का कहना है कि आरएसएस एक राजनीतिक संगठन है। अगर कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में यह कहा है कि वह मध्य प्रदेश में सत्ता में आने के बाद शाखाओं को बंद करा देगी, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। एक सरकारी कर्मचारी को अपने कार्यकाल के दौरान किसी राजनीतिक दल के साथ खुले तौर पर नहीं रहना चाहिए।दूसरी तरफ मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता माणक अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि आरएसएस की शाखा में जाने के बाद अपने दफ्तरों में कर्मचारियों के बीच जहर फैलाने का काम करते हैं और लोगों ने भेद करते हैं, इसलिए कांग्रेस ने आरएसएस की शाखाओं में शासकीय कर्मचारियों के जाने पर रोक लगाने की बात अपने वचन पत्र में लिखी है।