अंतरराष्ट्रीय बागवानी मंडी में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 2600 करोड़ के विकास कार्यों की रखी आधारशिला

3

एशिया की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय फल, फूल एवं बागवानी मंडी 537 एकड़ में बन रही है। इसके दूसरे चरण का शुभारंभ किया गया। दो साल में काम पूरे होंगे। सरकार गन्नौर क्षेत्र में सब्जी उगाने वाले किसानों को तीन साल तक पांच हजार रुपये सब्सिडी देगी।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गन्नौर में बनने वाली अंतरराष्ट्रीय फल, फूल एवं बागवानी मंडी प्रदेश के किसानों के जीवन में नई क्रांति लेकर आएगी। सब्जी उत्पादक किसानों के लिए आय दोगुनी ही नहीं, बल्कि तीन गुना हो सकेगी। इसके विकास पर 2600 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसका काम दो साल में पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि गन्नौर क्षेत्र में सब्जी उगाने वाले किसानों को तीन साल तक पांच हजार रुपये सब्सिडी दी जाएगी।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शुभारंभ करते हुए कहा कि यह केवल ईंट-सिमेंट का भवन मात्र नहीं अपितु मेरे लिए मेरा एक बड़ा स्वप्न है, जो किसानों की आमदनी को दोगुना करेगा। हरियाणा के किसानों के साथ फल व सब्जी उत्पादकों, आम लोगों तथा व्यापारियों के लिए खासी लाभकारी सिद्ध होगी।

इस मौके पर उन्होंने करीब 55 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं की भी आधारशिला रखी। इनमें 495 लाख रुपये की लागत से भिवानी में बनाई जाने वाली सब्जी मार्केट, 1204.03 लाख की लागत से भिवानी के सिवानी में नई अनाज मंडी का निर्माण, 894.94 लाख रुपये की लागत से करनाल के असंध में मूनक खरीद केंद्र को सब यार्ड विकसित करने, सिरसा में 2481.38 लाख रुपये की लागत से सब्जी मंडी, अनाज मंडी व लक्कड़ मंडी के विकास के लिए अतिरिक्त मंडी, 192.56 लाख की लागत से कंवरपुरा गांव में खरीद केंद्र का निर्माण तथा 224.47 लाख रुपये की लागत से शेरपुरा गांव में खरीद केंद्र के निर्माण कार्य का शिलान्यास भी किया।

मुख्यमंत्री ने बागवानी मंडी के विस्तारीकरण की जानकारी देते हुए कहा कि यह भारत ही नहीं बल्कि एशिया की सबसे बड़ी मंडी बनेगी। इससे उत्तर भारत के राज्यों के क्रेताओं-विक्रेताओं को विशेष लाभ मिलेगा। दिल्ली की आजादपुर मंडी के बेहतरीन विकल्प के रूप में यह मंडी तैयार होगी, जिसमें हर प्रकार की सुविधाएं मुहैया होंगी। मंडी किसानों की आत्मनिर्भरता के साथ प्रदेश को भी आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाएगी। हरियाणा की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय को बढ़ाने का जो लक्ष्य निर्धारित किया है उसकी पूर्ति में मंडी की विशेष भूमिका रहेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि इसमें तीन हजार करोड़ रुपये की लागत से कार्यों को विस्तार दिया जाएगा। जबकि 2600 करोड़ रुपये के टेंडर के कार्यों को दो वर्ष के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। हरियाणा के साथ उत्तर प्रदेश, पंजाब, जम्मू एवं कश्मीर तथा उत्तराखंड राज्यों के किसान-व्यापारी मंडी का लाभ उठा सकेंगे।

गन्नौर खंड के सब्जी उत्पादकों को मिलेगी सब्सिडी 

मुख्यमंत्री ने गन्नौर खंड के सब्जी उत्पादकों के लिए घोषणा की कि सब्जी उत्पादन करने वाले किसानों को तीन वर्षों के लिए पांच हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से सब्सिडी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल गन्नौर खंड में तीन हजार एकड़ में सब्जी उत्पादन किया जा रहा है, जिसमें और वृद्धि की जानी चाहिए। उन्होंने कहा प्रधानमंंत्री मोदी के नेतृत्व में नौ वर्षों में किसानों का जितना भला वर्तमान केंद्र व प्रदेश सरकार ने किया है उतना कभी किसी सरकार ने नहीं किया।

कुरूक्षेत्र में सुरजमुखी के तेल निकालने का लगेगा कारखाना

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि सुरजमुखी उत्पादक किसानों के लिए कुरूक्षेत्र में चार एकड़ भूमि में तेल का कारखाना स्थापित किया जाएगा, जिसकी क्षमता 20 हजार मिट्रिक टन की होगी। सुरजमुखी के बीज से तेल व घी का निर्माण किया जाता है। उन्होंने कहा कि करनाल में महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय आगामी वर्ष शुरू हो जाएगा, जिससे किसानों को विशेष लाभ मिलेगा। साथ ही उन्होंने बताया कि बागवनी मंडी से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर गन्नौर का रेलवे स्टेशन है, जहां से फल-सब्जियों आदि उत्पादों को लाने-ले जाने की सुविधा रहेगी। यदि आवश्यकता हुई तो मंडी के लिए अलग से भी स्टेशन बनाया जाएगा।

इस दौरान हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जय प्रकाश दलाल ने बागवानी मंडी के दूसरे चरण के शुभारंभ की किसानों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आर्थिक स्थिति के मामले में यह मंडी किसानों के जीवन में बड़ा बदलाव लाएगी। यहां सालाना 40 से 50 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होगा। साथ ही लाखों लोगों को रोजगार भी प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार के कार्यकाल में करीब 23 हजार करोड़ रुपये की राशि किसानों को अदा की जा चुकी है, जिसमें बीमा मुआवजे सहित अन्य योजनाओं का लाभ शामिल है। पहली बार किसानों को खराबे का मुआवजा मात्र दो माह में ही अदा किया गया है, जबकि पूर्व सरकारों में सालों इंतजार करना पड़ता था। हाल ही में हुई बेमौसमी बरसात के कारण हुए खराबे की करीब 200 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि किसानों के खातों में डाली जा चुकी है। इस दौरान सांसद रमेश कौशिक ने भी लोगों को संबोधित करते हुए मंडी के दूसरे चरण के शुभारंभ की बधाई दी।