केन्द्र सरकार का बडा़ फैसला, किसानों को मिल सकती है राहत

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:  देश में किसानों की कर्ज माफी आज के दौर में सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बन चुका है। चाहे लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव किसानों को लुभाने के लिए सभी राजनैतिक पार्टियां किसान कर्ज माफी का ऐलान करती रहती हैं।

गौरतलब है कि भारत देश में किसानों की संख्या काफी है, लेकिन सरकार किसी भी पार्टी की बने, वो अपने वादों को आधा ही पूरा करते हैं या तो फिर भूल ही जाते हैं। उन्हें अपने पिछले किये वादे तब याद आते हैं, जब चुनाव नजदीक होता है।

ऐसा हाल ही में 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में देखने को मिला है। भारतीय जनता पार्टी की हार और कांग्रेस की जीत के पीछे कर्ज माफी मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ। ऐसे में मोदी सरकार किसानों को राहत देने के दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है।

खबर के मुताबिक सरकार कम कीमतों पर फसल बेचने वाले किसानों को उनके नुकसान की भरपाई के लिए एक निर्धारित रकम देने की भी स्कीम ला सकती है। अनाज की सरकारी कीमत और किसानों को मिली कीमत के बीच का अंतर सीधे किसानों के खाते में दिया जाएगा।

खास बात ये है कि इस स्कीम को पिछली तारीख से लागू किया जा सकता है। यानी खऱीद सीजन जो खत्म हो चुका है, उस सीजन का अनाज किसानों ने मंडी में बेच दिया है। उसके एवज में भी किसानों को भरपाई करने का प्रस्ताव सामने आया है। इस हिसाब से हर किसान को प्रति एकड़ करीब 1700  रुपये देने का प्रस्ताव है। खबर हैं कि राजनीतिक फैसला लेते हुए इसे 2000 रुपये भी कर दिया जाएगा।

वहीं 2019 में लोकसभा चुनाव को देखते हुए किसानों पर भी अब राजनीति तेज हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार किसानों की संख्या के साथ बैठक की थी। इस दौरान संबंधित विभागों के आला अफसर वहां मौजूद रहे।

मोदी सरकार इस दिशा में कदम उठाने लिए जल्द ही अलग-अलग मंत्रालयों के साथ बैठक करके इस योजना का खाका तैयार करेगी। हालांकि नीति आयोग की तरफ से भी मोदी सरकार को सुझाव दिए गए कि मीडियम टर्म स्ट्रैटिजी के जरिए किसानों को राहत दी जाए। किसान कर्ज माफी को लेकर केंद्र सरकार हर संभव प्रयास करती नजर आ रही हैं।

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