Nipah Virus: केरल के इन 4 जिलों में न जाने की सलाह, 4 राज्यों में अलर्ट जारी

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निपाह वायरस से केरल में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 15 पीड़ितों का इलाज जारी है। इस बीच केरल के अलावा चार अन्य राज्यों में भी निपाह को लेकर सावधानी बरतने के लिए एडवाइजरी और अलर्ट जारी किए गए हैं। इनमें जम्मू-कश्मीर, गोवा, राजस्थान और तेलंगाना शामिल हैं। केरल सरकार ने लोगों को चार जिलों कोझिकोड, मलापुरम, वायनाड और कन्नूर में नहीं जाने की सलाह दी है। इन चारों जिलों में निपाह का सबसे ज्यादा संक्रमण देखा जा रहा है। उधर, गोवा में भी इस पर नजर रखने के लिए एक टीम बनाई गई है।

 

हिमाचल में चमगादड़ों की मौत के बाद जांच के लिए भेजे गए सैंपल

हिमाचल के नाहन विधानसभा की पंचायत बर्मापापड़ी में बुधवार को एक स्कूल कैम्पस में स्थित एक पेड़ पर सालों से रह रहे चमगादड़ों में से अचानक ही कई मारे पाए गए। इससे लोगों में सनसनी फैल गई। घटना के बाद प्रशासनिक अमले ने मौके पर पहुंचकर मृत चमगादड़ों के सैंपल लिए हैं। इन्हें पुणे और जालंधर प्रयोगशालाओं में भेजा जा रहा है। इनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत की वजह का खुलासा हो पाएगा। वन विभाग के डीएफओ सतीश गुप्ता ने करीब दो दर्जन से ज्यादा चमगादड़ों की मौत की पुष्टि की है।

विशेषज्ञ ने वायरस के संक्रमण फैलने से किया इनकार
वहीं, वन्य प्राणी विशेषज्ञ कह रहे हैं कि चमगादड़ों की मौत के बाद भी इस इलाके में ऐसा वायरस फैल ही नहीं सकता है। डीसी ललित जैन ने कहा है कि बर्मापापड़ी में चमगादड़ों के मरने से किसी भी प्रकार के संक्रमण फैलने की कोई संभावना नहीं पाई गई है। लोगों को डरने की कोई जरुरत नहीं है। शुरुआती जांच में गर्मी के कारण चमागादड़ों की मौत हाेने की बात सामने अाई है।

कोझिकोड के एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत, उनके कुएं में मिला था फ्रूट बैट
निपाह वायरस के कारण मरने वाले केरल के 13 लोगों में कोझिकोड के एक ही परिवार के तीन लोग शामिल हैं। वायरस की चपेट में आए परिवार के मुखिया का भी इलाज चल रहा है। उनके घर के कुएं में फ्रूट बैट मिला है। हालांकि, अब कुआं बंद कर दिया गया है। इन लाेगों का इलाज करने वाली लिनी नाम की नर्स की भी तेज बुखार के बाद मौत हो गई। उधर, केरल सरकार ने पीड़ितों के इलाज के दौरान वायरस की चपेट में आने से मौत का शिकार हुईं नर्स लिनी के पति को सरकारी नौकरी की पेशकश की गई है।

क्या होता है निपाह वायरस?
फ्रूट बैट या सूअर जैसे जानवर इस वायरस के वाहक हैं। संक्रमित जानवरों के सीधे संपर्क में आने या इनके संपर्क में आई वस्तुओं के सेवन से निपाह वायरस का संक्रमण होता है। निपाह वायरस से संक्रमित इंसान भी संक्रमण को आगे बढ़ाता है। 1998 में पहली बार मलेशिया के कांपुंग सुंगई निपाह में इसके मामले सामने आए थे। इसीलिए इसे निपाह वायरस नाम दिया गया। 2004 में यह बांग्लादेश में इस वायरस के प्रकोप के मामले सामने आए थे। बताया जा रहा है कि केरल में यह पहली बार फैला है।