प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग (एनसीएसके) के कार्यकाल को 31.3.2022 से आगे तीन साल बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। तीन साल के लिए विस्तार का कुल व्यय लगभग 43.68 करोड़ रुपये होगा।
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग का कार्यकाल 31.3.2022 के बाद 3 वर्ष तक बढ़ाने से मुख्य रूप से देश के सफाई कर्मचारी और हाथ से मैला उठाने वाले चिन्हित लोग लाभार्थी होंगे। 31.12.2021 को एम.एस. अधिनियम सर्वेक्षण के तहत चिन्हित मैनुअल स्कैवेंजर्स की संख्या 58,098 है।
विवरण: राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की स्थापना वर्ष 1993 में राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग अधिनियम, 1993 के प्रावधानों के अनुसार शुरू में 31.3.1997 तक की अवधि के लिए की गई थी। बाद में अधिनियम की वैधता को शुरू में 31.03.2002 तक और उसके बाद 29.2.2004 तक बढ़ा दिया गया था। राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग (एनसीएसके) अधिनियम 29.2.2004 से प्रभावी नहीं रहा। उसके बाद एनसीएसके के कार्यकाल को समय-समय पर प्रस्तावों के माध्यम से एक गैर-सांविधिक संस्था के रूप में बढ़ाया गया है। वर्तमान आयोग का कार्यकाल 31.03.2022 तक है।
एनसीएसके सफाई कर्मचारियों के कल्याण के लिए विशिष्ट कार्यक्रमों के संबंध में सरकार को अपनी सिफारिशें देता है, सफाई कर्मचारियों के लिए मौजूदा कल्याण कार्यक्रमों का अध्ययन और मूल्यांकन करता है और विशेष शिकायतों के मामलों की जांच आदि भी करता है। साथ ही, मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोजगार के निषेध तथा पुनर्वास अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के अनुसार, एनसीएसके को अधिनियम के कार्यान्वयन की निगरानी करने, केंद्र एवं राज्य सरकारों को इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सलाह देने और अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन / गैर-कार्यान्वयन के संबंध में शिकायतों की जांच करने का काम सौंपा गया है। सरकार ने सफाई कर्मचारियों के उत्थान के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन सामाजिक-आर्थिक तथा शैक्षिक दृष्टि से उनके वंचित रहने की स्थिति को अभी भी दूर नहीं किया जा सका है।
हालांकि हाथ से मैला उठाने की प्रथा को लगभग समाप्त कर दिया गया है, फिर भी छिटपुट उदाहरण सामने आते हैं। सीवर/सेप्टिक टैंकों की जोखिम भरी सफाई सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता का क्षेत्र बना हुआ है। इसलिए, सरकार महसूस करती है कि सफाई कर्मचारियों के कल्याण के लिए सरकार के विभिन्न क्रियाकलापों और पहलों की निगरानी करने और देश में सीवर/सेप्टिक टैंकों की पूर्ण रूप से मशीन द्वारा सफाई और हाथ से मैला उठाने वालों के पुनर्वास के लक्ष्य को प्राप्त करने की आवश्यकता बनी हुई है।