विजय सिन्हा ने कहा कि मेरे खिलाफ जो अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, उसमें 9 में से 8 सदस्यों का अविश्वास प्रस्ताव नियम के मुताबिक नहीं था. सदन में अपने संबोधन के अंत में उन्होंने कहा कि निष्पक्ष होकर सदन का संचालन किया. ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बहुमत का महत्व है. आपलोगों ने मुझे इस आसन पर बैठाया है. मैं सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का इसके लिए आभार जताता हूं. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मुझे मौका नहीं मिला, नहीं तो मैं पहले ही इस्तीफा दे देता. जितने लोगों ने अविश्वास प्रस्ताव दिया था, उसमें सिर्फ ललित यादव का प्रस्ताव सही है. उन्होंने अपने अध्यक्षीय भाषण के बाद अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया. उन्होंने दो घंटे तक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की घोषणा भी की. साथ ही सदन संचालन की जिम्मेवारी नरेंद्र यादव को सौंप दी. इसके साथ ही बिहार विधानसभा के विशेष सत्र की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित हो गई।
विजय सिन्हा ने कहा कि उन्हें बहुमत से सदन का अध्यक्ष चुना गया था, वर्तमान राजनीतिक हालात में बहुमत मेरे पक्ष में नहीं है, इसलिए पद का त्याग करता हूं। उन्होंने कहा कि वो इस्तीफा पहले ही दे देते, लेकिन उनके ऊपर जो आरोप लगाये गये हैं, उन्हें उसका उत्तर देने का अवसर मिलना चाहिए, इसलिए अपनी बात करने का काम कर रहे हैं. विजय सिन्हा ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान सदन की गरिमा को आगे बढ़ाने का काम किया. बिना किसी द्वेष और लोभ-लालच के काम किया. पद से इस्तीफा देने के बाद विजय सिन्हा मंच से उठ गए।
उन्होंने कहा नई सरकार के बनते ही मै इस्तीफा दे देता लेकिन कुछ विधायकों ने मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जो मुझे ठीक नहीं लगा. मुझे लगा कि बिना अपना पक्ष रखे हुए पद का त्याग करना सही नहीं है. मेरे खिलाफ मनमानी और तानाशाही का जो आरोप लगाया गया वो बिल्कुल निराधार है। विजय सिन्हा ने कहा कि मेरे खिलाफ कुछ विधायकों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है, इसलिए बहुमत के आधार पर मेरा पद पर बने रहना उचित नहीं होगा. अध्यक्ष पद पर रहते हुए मैने पूरी निष्ठा के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन किया।
इससे पूर्व सिन्हा ने कहा कि अपने छोटे से कार्यकाल में कई उपलब्धियां देखी. प्रधानमंत्री का पहली बार में बिहार विधानसभा में आना और सदन को संबोधित करना काफी प्रेरणादायक रहा. मुख्यमंत्री और वर्तमान में बिहार के उपमुख्यमंत्री का सदन में पूरा सहयोग मिला जो किसी से छुपा नहीं है. आम लोगों ने विधानसभा में वेबकास्टिंग के माध्यम से सदन के सभी गतिविधियों को देखा।
विजय सिन्हा ने कहा कि मेरे खिलाफ जो अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, उसमें 9 में से 8 सदस्यों का अविश्वास प्रस्ताव नियम के मुताबिक नहीं था. सदन में अपने संबोधन के अंत में उन्होंने कहा कि निष्पक्ष होकर सदन का संचालन किया. विधायिका का सम्मान बढ़े यही इच्छा है, क्योंकि विधायिका का सम्मान बढ़ने से प्रशासनिक अराजकता खत्म होग।
सिन्हा ने आखिर में जेडीयू विधायक नरेंद्र नारायण यादव को आसन संभालने की जिम्मेदारी दी क्योंकि वो सबसे सीनियर सदस्य है इसलिए अधियाशी सदस्य के रूप में उन्हे नामित किया है और सदन को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। विजय सिन्हा के इस निर्णय पर संसदीय कार्यमंत्री विजय चौधरी ने अनुचित बताया और कहा कि चूंकि सदन के उपाध्यक्ष के रूप में महेश्वर हजारी है इसलिए उनका ये निर्णय अनुचित है।