अदरक वाली चाय पीना हम सभी को बेहद पसंद है. लेकिन अदरक की खेती कैसे होती है इसके बारे में बहुत कम लोगों को ही पता है. अदरक की सब्जी और अचार में भी इस्तेमाल किया जाता है. अदरक का इस्तेमाल औषोधिक दवाई के रूप में भी बहुत होता है. इनके अलावा अदरक से ही सोंठ बनाई जाती है और इस सोंठ का भाव अदरक से अधिक मिलता है. इनकी मांग बाजार मार्केट के साल भर रहती है. इसलिए इन के भाव भी अधिक रहते है और किसान को अच्छी कमाई होती है.
अदरक में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे कि कैल्शियम, मैंगनीज, फॉस्फोरस, जिंक, विटामिन सी आदि. अदरक में बैक्टरिया और वायरस से लड़ने की अधिक क्षमता है.
इस प्रकार करें अदरक की खेती
अदरक की फसल के अच्छे विकास के लिए अधिक पैदावार के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है. मिट्टी के पीएच की बात करें तो 5.5 से 6.5 के बीच का अच्छा माना जाता है. अदरक की खेती के लिए 25 से 35 डिग्री सेल्सियस का तापमान अच्छा माना जाता है. अदरक की खेत की तैयारी अप्रैल में की जाती है और मई महीने में रोटावेटर की मदद से खेत की मिट्टी को भुरभुरा बना लेते है.
खेत में करें गोबर खाद का उपयोग
खेत में अच्छे से सड़ी गोबर की खाद, वर्मी कम्पोष्ट और नीम की खली डाल के अच्छे से मिट्टी में मिला देना चाहिए. उसके बाद जमीन को समतल कर देना चाहिए. इसके बाद में छोटी छोटी क्यारियों में बाट लेना है और एक हेक्टर में अदरक की खेती करनी है तो आप को 2 से 3 क्विंटल अदरक के बीज की जरुरत होती है. अदरक की बुवाई दक्षिण भारत में अप्रैल या मई महीने में बुवाई की जाती है और बुवाई के बाद एक सिंचाई की जाती है.
एक हेक्टेयर में इतना कर सकते हैं उत्पादन
अदरक की खेती बीज बुवाई के बाद 8.5 से 9 महीने के बाद पूरी तरह से पक कर तैयार हो जाती है. अदरक की फसल जब अच्छे से पक के तैयार हो जाती है तब पौधे का विकास रुक जाता है और फसल पीली पड़कर सूखने लगती है. एक हेक्टेयर में 150 से 200 क्विंटल तक का उत्पादन हो जाता है.
अदरक की खेती एक एकड़ जमीन में करनी है तो 1.20 लाख तक का खर्च आता है. अदरक का एक किलोग्राम भाव 40 रुपए तक रहता है कई बार इससे अधिक भी मिल जाता है पर एक किलोग्राम अदरक के 40 रूपए मार्केट भाव से हिसाब करे तब भी किसान को 3.5 से 4 लाख तक की कमाई हो जाती है.