
लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए प्रदेश के सात प्रमुख शहरों में कामकाजी महिलाओं के लिए बनाए जा रहे हॉस्टल का नाम लोकमाता अहिल्याबाई के नाम पर रखने की घोषणा की है। इस निर्णय की घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में आयोजित समारोह के दौरान की।
उपराष्ट्रपति ने सराहा फैसला
इस मौके पर उपस्थित उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि यह महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा की दिशा में एक प्रेरणादायक निर्णय है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महिलाओं और हस्तशिल्प के क्षेत्र में रानी अहिल्याबाई के योगदान से प्रेरणा लेते हुए राज्य सरकार यह योजना लागू कर रही है।
ऐतिहासिक योगदान की प्रेरणा
मुख्यमंत्री ने कहा, काशी की बनारसी साड़ी की तरह, रानी अहिल्याबाई ने महेश्वर की साड़ियों को वैश्विक पहचान दिलाई। उन्होंने 250 साल पहले महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की नींव रखी थी, और आज हम उसी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार की लखपति दीदी योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, और मातृ वंदन योजना जैसी योजनाएं भी लोकमाता की प्रेरणा से ही शुरू की गईं हैं।
इन 7 शहरों में बनेंगे महिला हॉस्टल
कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित और सुसज्जित आवास देने के उद्देश्य से आगरा, कानपुर, झांसी, मेरठ, प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर में महिला हॉस्टल स्थापित किए जाएंगे।
प्रमुख सुविधाएं
सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा गार्ड, लाइब्रेरी और कॉमन रूम, मनोरंजक गतिविधियों की व्यवस्था, लिफ्ट, लिविंग रूम, डाइनिंग रूम जैसी आधुनिक सुविधाएं
आगरा के लोहामंडी में 2506 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में 13.45 करोड़ रुपये की लागत से महिला हॉस्टल का निर्माण होगा। नगर निगम की निधि से 7.45 करोड़, जबकि 6 करोड़ रुपये म्यूनिसिपल बॉन्ड से जुटाए जाएंगे।
नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने बताया कि हॉस्टल चार मंजिला होगा, जिसमें 128 कमरे होंगे (हर मंजिल पर 32 बेड)। हर मंजिल पर कॉमन टॉयलेट, लिविंग एरिया, डाइनिंग रूम, और अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध रहेंगी।
यह निर्णय न केवल महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम है, बल्कि यह लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के समाज सुधार और आत्मनिर्भरता के दृष्टिकोण को वर्तमान में मूर्त रूप देने का प्रयास भी है।