
बागेश्वर धाम में गुरुवार सुबह उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब तेज बारिश और हवा के कारण पंडाल का एक हिस्सा गिर गया। हादसा सुबह करीब 7 बजे आरती के बाद हुआ, जब बारिश से बचने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु शेड के नीचे जमा हो गए थे। पंडाल गिरने से एक श्रद्धालु की मौत हो गई और आठ लोग घायल हो गए।
मृतक की पहचान श्यामलाल कौशल के रूप में हुई है। लोहे का एंगल गिरने से उनके सिर पर गंभीर चोट लगी थी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। घायलों में मृतक के परिवार के सदस्य और पड़ोसी शामिल हैं।
घटना का विवरण
घायल राजेश कौशल ने बताया कि उनके ससुर श्यामलाल कौशल इस हादसे में मारे गए हैं, जबकि पत्नी सौम्या, बेटियां पारुल और उन्नति, पड़ोसी आर्यन और कमला सहित कुल छह लोग घायल हुए हैं। सभी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
राजेश ने बताया, “हम लोग दर्शन के लिए आए थे। बारिश तेज हो गई, तो सभी लोग पंडाल के नीचे खड़े हो गए। पानी रुकते ही अचानक तेज आवाज के साथ पंडाल गिर गया और भगदड़ मच गई। करीब 15-20 लोग उसके नीचे दब गए। मौजूद लोगों ने घायलों को बाहर निकाला।”
थाना प्रभारी का बयान
बमीठा थाना प्रभारी आशुतोष श्रुतिया ने बताया कि दरबार हॉल के सामने वॉटरप्रूफ टेंट लगाया गया था, जिसमें बारिश के कारण भारी मात्रा में पानी जमा हो गया। तेज हवा और दबाव के चलते टेंट का एक हिस्सा गिर गया, जिससे आठ लोग घायल हो गए। इनमें से चार की हालत गंभीर बताई जा रही है।
विशेष आयोजन के चलते उमड़ी थी भीड़
बता दें कि बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री चार जुलाई को अपना जन्मदिन मनाने वाले हैं। इसके चलते एक जुलाई से तीन जुलाई तक बालाजी का दिव्य दरबार आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन में देश-विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। बागेश्वर महाराज की विदेश यात्रा से वापसी के बाद यह पहला बड़ा सार्वजनिक आयोजन है। धाम में 12 दिवसीय महोत्सव की शुरुआत हो चुकी है, और शुरुआती तीन दिनों में ही भारी भीड़ उमड़ी है। इसी भीड़ के बीच सुरक्षा और व्यवस्थाओं को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं।
यह हादसा आयोजनों के दौरान भीड़ प्रबंधन, संरचनात्मक सुरक्षा और मौसम को ध्यान में रखकर तैयारी की गंभीर आवश्यकता को उजागर करता है। प्रशासन और आयोजन समिति से उम्मीद की जा रही है कि आगे की व्यवस्थाएं और सतर्कता से की जाएं ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।