सुविधाओं के बढ़ने के साथ उनके खतरे भी लगातार बढ़ रहे हैं। इन खतरों से पार पाने के लिए सुरक्षा के इंतजामों पर भी बात होती है। बावजूद इसके जाने अंजाने में लोग धोखाधड़ी के शिकार हो जाते हैं। बात करते हैं एटीएम मशीन के फायदे और उसके नुकसान की। इसने जहां हमारी जिंदगी को आसान बनाया, वहीं कैश लेकर चलने की बाध्यता खत्म होने और बैंकों में लाइन लगाने की विवशता काे समाप्त किया है तो इसके खतरे भी बढ़े हैं।
एटीएम के प्रचलन में आने के बाद साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़े हैं। इस क्राइम के अपराधी की कोई सूरत नहीं है। पता चलता है कि आप उत्तराखंड के किसी जिले में रह रहे हैं और असम में आपके खाते से ऑनलाइन शॉपिंग हो रही है। ऐसे में जरूरत है एटीएम का प्रयोग करते समय सावधानी बरतने की। आइए बताते हैं कि एटीएम का इस्तेमाल करते समय क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिए ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान सेव न करें पासवर्ड
कई बार ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान पेमेंट करते समय सेव का ऑप्शन मांगता है। इस समय इसका ध्यान रखें कि सेव नहीं बल्कि कैंसिल का विकल्प चुनना है। यदि आप सेव का ऑप्शन चुनते हैं तो आपके कार्ड से संबंधित सभी सूचनाएं कंप्म्प्यूटर में सेव हो जाती हैं और भविष्य में उनके मिसयूज होने का भी खतरा रहता है। आने एटीएम का पासवर्ड याद रहे यह हर उपभोक्ता के लिए जरूरी है। एटीएम मशीन में तीन बार गलत पासवर्ड डालने पर एटीएम ब्लॉक हो जाता है। ऐसे में एटीएम के पुन- सक्रिय होने में एक से दो दिन लग जाते हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं को पैसे के लिए भटकना पड़ता है।
पासवर्ड याद रखने की बजाए लोग एटीएम के आगे या पीछे लिख लेते हैं। ऐसा बिल्कुल न करें। कई बार गायब हो जाने या गलत हाथों में पड़ जाने के कारण इसका बड़ा नुकसान भुगतना पउ़ जाता है। लोग अक्सर अपना मोबाइल नंबर बदलते रहते हैं। इसका नुकसान होता है कि बैंक के नोटीफिकेशन नहीं मिल पाते हैं। ऐसे में खाते से रुपये निकलने की जानकारी भी नहीं मिल पाती है। इसका दुष्परिणम होता है कि कई बार आपके खाते से पैसा निकलता रहता है और आपको पता ही नहीं चलता है। अच्छा खासा एमाउंट निकलने के बाद जब इसके बारे में जानकारी होती है तब तक आप काफी कुछ गंवा चुके होते हैं। यदि बैंक में दर्ज नंबर एक्टिव होगा तो आपको समय से रुपयों के निकलने का नोटीफिकेशन मिलेगा और आप अपना खाता ब्लॉक कराकर आगे की कार्रवाई कर सकते हैं।
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