बरेली: जीभ का ऑपरेशन कराने गए 3 साल के मासूम का डॉक्टरों ने किया खतना, डिप्टी सीएम के आदेश पर अस्पताल का लाइसेंस रद्द

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बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली में एक अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा चौकाने वाली घटना को अंजाम दिया गया है। बताया जा रहा है कि बरेली स्थित एक अस्पताल में जीभ का इलाज कराने गए बच्चे का खतना कर दिया गया जिसके बाद हंगामा मच गया।

इसकी जानकारी जैसे ही उत्तर प्रदेश सरकार को मिली फौरन अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए। मामले में हस्तक्षेप करते हुए राज्य के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने एम खान अस्पताल के लाइसेंस को रद्द करने का आदेश दे दिया जिसके बाद अस्पताल को अपने लाइसेंस से हाथ धोना पड़ा।

गौरतलब है कि शनिवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अपने ट्वीट में कहा कि उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, जिनके पास स्वास्थ्य विभाग भी है, ने कहा कि उन्होंने मामले की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की एक टीम को अस्पताल भेजा है।

शिकायत सही पाए जाने पर दोषी डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने, उक्त अस्पताल का पंजीकरण तत्काल प्रभाव से रद्द करने और मामले की पूरी रिपोर्ट बनाने के आदेश सीएमओ, बरेली को दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि कार्रवाई 24 घंटों के अंदर हुई है।

क्या है पूरा मामला?

जानकारी के अनुसार, घटना 23 जून की है। जब स्टेडियम रोड स्थित एम खान अस्पताल में एक परिवार अपने ढाई साल के बच्चे की जीभ का ऑपरेशन कराने के लिए पहुंचा था।

मगर आरोप है कि डॉक्टरों ने बच्चे की जीभ का ऑपरेशन न करके उसका खतना कर दिया गया था। घटना के बाद परिजनों ने मामले की शिकायत पुलिस से की।

घटना के सामने आने के बाद मामला तूल पकड़ लिया जिसके बाद कई हिंदू संगठन मौके पर पहुंचे और विरोध प्रदर्शन करने लगे। खतना के विरोध में हिंदू संगठनों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

इस बीच, मामले को बढ़ता देख खुद उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने घटना का संज्ञान लिया। उन्होंने बरेली के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर बलबीर सिंह को मामले की जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर बलबीर सिंह के मुताबिक डॉक्टरों के पैनल ने अस्पताल जाकर मामले की जांच की और डॉक्टर और पूरे स्टाफ के बयान भी लिए गए।

इसके अलावा बच्चे के परिजनों के बयान भी दर्ज किए गए। डॉक्टर बलबीर सिंह ने बताया कि अस्पताल के सभी जरूरी दस्तावेज कब्जे में ले लिए गए हैं और अस्पताल का लाइसेंस भी निलंबित कर दिया गया है। फिलहाल मामले में आगे की कार्रवाई जारी है।

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