
राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने और रजिस्ट्रेशन के चलते हो रहे राजस्व नुकसान को रोकने के लिए एक अहम फैसला लिया है। अब उत्तराखंड में प्लग-इन हाइब्रिड और स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक कारों पर वाहन कर पूरी तरह से माफ किया जाएगा। यह छूट वित्तीय वर्ष 2025-26 तक लागू रहेगी।
संयुक्त परिवहन आयुक्त एस.के. सिंह ने बताया कि अभी तक उत्तर प्रदेश समेत कुछ राज्य हाइब्रिड कारों पर टैक्स छूट दे रहे हैं। इस वजह से उत्तराखंड के वाहन मालिक उन राज्यों में अपनी गाड़ियों का पंजीकरण करवा रहे थे, जिससे उन्हें तीन से साढ़े तीन लाख रुपये तक का लाभ होता था। लेकिन इसके चलते उत्तराखंड को वाहन कर में नुकसान उठाना पड़ रहा था।
अब राज्य सरकार की नई नीति के तहत 100 प्रतिशत कर छूट दिए जाने से हाइब्रिड कारों का पंजीकरण राज्य में ही होगा। इससे भले ही वाहन कर में कुछ हद तक नुकसान हो, लेकिन गाड़ी की बिक्री पर लगने वाला 28 से 43 प्रतिशत तक का जीएसटी राज्य को प्राप्त होगा, जिससे राजस्व संतुलन बना रहेगा।
यह फैसला पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी अहम माना जा रहा है। ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) की तर्ज पर हाइब्रिड वाहन भी प्रदूषण कम करने में सहायक होते हैं। वर्तमान में यह छूट बैटरी और पेट्रोल से चलने वाली हाइब्रिड कारों पर लागू होगी।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले एक वर्ष में राज्य में केवल 750 हाइब्रिड कारों का पंजीकरण हुआ था। अब इस संख्या के आगामी वर्ष में 2000 से अधिक तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।